Ayodhya Dhwajarohan PM Modi Speech: अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण संपन्न हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्मध्वजा फहराई. इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी ने रामभक्तों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि मैं संपूर्ण विश्व के करोड़ों राम भक्तों को इस अविस्मरणीय क्षण की इस अद्वितीय अवसर की शुभकामनाएं देता हूं. मैं आज उन सभी भक्तों को भी प्रणाम करता हूं हर उस दानवीर को भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया. मैं राम मंदिर निर्माण से जुड़े हर श्रमवीर, हर कारीगर, हर योजनाकार, हर वास्तुकार का अभिनंदन करता हूं.
पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " पिछले 11 वर्षों में महिला, दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी, वंचित, किसान, श्रमिक, युवा हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है. जब देश का हर व्यक्ति, हर वर्ग, हर क्षेत्र सशक्त होगा, तब संकल्प की सिद्धि में सबका प्रयास लगेगा और सबके प्रयास से ही 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हमें विकसित भारत का निर्माण करना ही होगा."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामभक्तों को संबोधित करते हुए कहा, "आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है. हर रामभक्त के हृदय में अद्वितीय संतोष, असीम कृतज्ञता, अपार अलौकिक आनंद है. सदियों के घाव भर रहे हैं. सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है. आज उस यज्ञ की पूर्णावती है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्ज्वलित रही. जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं, एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं."
PM ने कहा, "यह धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है. इसका भगवा रंग, सूर्यवंश की ख्याति, वर्णित ओम शब्द और अंकित कोविदार वृक्ष, रामराज्य की कृति को दिखाता है. यह ध्वज, संकल्प, सफलता, संघर्ष से सृजन और सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार रूप है. यह संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणति है. आने वाली सदियां और कई शताब्दियों तक प्रभु श्रीराम के आदर्शों और सिद्धांतों का उद्घोष करेगा."
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नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "यह ध्वज सत्यमेव जयते का आह्वान करेगा. यह धर्म ध्वज उद्घोष करेगा कि सत्य में ही धर्म स्थापित है. यह 'प्राण जाय पर वचन नहीं जाए' के वचन की प्रेरणा बनेगा. यह संदेश देगा कि विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो. यह प्रार्थना करेगा कि भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति और सुख हो. हम ऐसा समाज बनाएं, जहां गरीबी न हो और कोई दुखी न हो."
प्रधानमंत्री ने कहा, "अयोध्या वह भूमि है, जहां आदर्श आचरण में बदलते हैं. यही वह नगरी है, जहां से श्रीराम ने अपना जीवन पथ शुरू किया. इसी अयोध्या ने संसार को बताया कि कैसे एक व्यक्ति समाज की शक्ति से उसके संस्कारों से पुरुषोत्तम बनता है. जब राम अयोध्या से गए तो युवराज राम थे, लेकिन जब लौटे तो मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर आए. इसमें अगिनत लोगों की भूमिका रही. विकसित भारत बनाने के लिए सामूहिक स्तर की भूमिका है."
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