
मध्य प्रदेश के नीमच शहर की गांधी कॉलोनी निवासी एक परिवार में सोमवार रात युवती का विवाह होना था. रतलाम से दूल्हा बारात लेकर पहुंचा था. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन दूल्हे व उसके परिवार वालों ने फेरे लेने से पहले बैंड-बाजे व ठहरने वाले होटल की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा दिए. इससे मामला बिगड़ गया.
वर और वधू दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगने लगे. इस पूरी गहमागहमी में फेरों का मुहूर्त निकल गया तो दोनों पक्ष थाने पहुंच गए. रात करीब 1 बजे दोनों पक्षों की ओर से थाने में लोगों का जमावड़ा होने लगा. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर कार्रवाई को लेकर अड़े रहे. सुबह 7 बजे तक भी कोई भी समाधान नहीं निकल पाया. इसके बाद मामला वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा. इसके बाद थाने पर टीआई पुष्पा चौहान पहुंचीं और घंटों दूल्हा-दूल्हान को समझाया.
पुलिस ने समझाया, फिर दूसरे दिन हुई शादी
उन्होंने रिश्तेदारों को शादी तोड़ने के दुष्परिणाम और भविष्य में होने वाली दिक्कतों के बारे में भी समझाया. इसके साथ ही छोटी-मोटी बातों को लेकर दोनों पक्षों के मनमुटाव को दूर किया. तब जाकर मंगलवार दिन में दूल्हा और दूल्हन सहित दोनों पक्षों के लोग शादी के लिए राजी हुए. फेरों के बाद दूल्हन को दूल्हे के साथ विदा किया. इस तरह पुलिस ने एक टूटते रिश्ते को समझादी व सूझबूझ से बचा लिया. दोनों ही पक्ष थाने से राजीकुशी मंडप के लिए रवाना हुए.
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