Fertilizer Crisis: मध्य प्रदेश की बमोरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बागेरी में खाद लेने पहुंची आदिवासी महिला की मौत हो गई. महिला का नाम भूरियाबाई था, परिजनों ने बताया कि महिला पिछले दो दिन से खाद की लाइन में लगी हुई थी. मंगलवार को महिला यूरिया लेने बागेरी खाद वितरण केंद्र पर पहुंची थी. मंगलवार को खाद नहीं मिल पाई तो बुधवार को भी लाइन में लगी रही. बुधवार को भी खाद न मिल पाने के कारण भूरियाबाई रात में केंद्र के बाहर कड़ाके की सर्दी में सो गई. स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद महिला को अस्पताल भेजने के लिए एंबुलेंस को कॉल किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. तभी एक किसान ने अपने निजी वाहन में महिला को बमोरी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन महिला की तबियत बिगड़ने के कारण उसे गुना रेफर कर दिया गया. आखिरकार आदिवासी महिला की मौत हो गई. ये मौत कई सवाल छोड़ गई जैसे- किसान की जान जाने के बाद सिस्टम कब जागेगा? अन्नदाता का दर्द कौन सुनेगा?
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश के गुना जिले में खाद संकट ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. हालात इतने खराब हैं कि खाद वितरण केंद्रों पर रोज लंबी कतारें लगी रहती हैं और कई किसान खुले आसमान के नीचे रातें बिताने को मजबूर हो गए हैं. इसी अव्यवस्था के बीच एक आदिवासी महिला की मौत ने सिस्टम की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया.
प्रशासन के दावे बनाम जमीनी हकीकत
प्रशासन खाद की कमी न होने का दावा कर रहा है, लेकिन किसानों की स्थिति इसके उलट कहानी बयां करती है. कई किसानों का कहना है कि दो से तीन दिन तक लाइन में रहने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही, वहीं ठंड और धूप में घंटों खड़े रहने से लोग बीमार हो रहे हैं.
कांग्रेस का आरोप
बमोरी से कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने खाद संकट को लेकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि “खाद की कतार में लगी महिला की मौत का जिम्मेदार कौन है? खाद वितरण व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और कालाबाजारी चरम पर है. किसान दो-दो दिन लाइन में खड़े हैं, रातें खुले आसमान के नीचे गुजार रहे हैं.”
सहायता करने वाले किसान ने क्या कहा?
मृतक भूरिया बाई (50) ग्राम कुसेपुर की निवासी थी. महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे किसान ने बताया कि एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने के कारण उसे निजी वाहन में अस्पताल पहुंचाया गया.
बताया जा रहा है कि घटना की जानकारी मिलते ही केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुख व्यक्त करते हुए तत्काल राहत के निर्देश दिए. सिंधिया के निर्देश पर कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को तुरंत कुशेपुर भेजा गया. सिंधिया के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने परिवार के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है. वहीं रेडक्रॉस सोसाइटी से अतिरिक्त मदद और अंतिम संस्कार के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है.
कलेक्टर का क्या कहना है?
आदिवासी महिला की मौत से प्रशासन बैकफुट पर आ गया है. कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि महिला को काफी शुगर थी. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. रात अधिक होने के कारण एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई. गुना में खाद की उपलब्धता है किसान बिल्कुल परेशान न हों. किसानों से अपील है कि खाद वितरण केंद्रों पर रात में न रुके. सुबह शाम तक टोकन बांटे जा रहे हैं, प्रशासन किसान के साथ है.
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