महिला रेंजर जब डीएफओ का नहीं करा पाई ट्रांसफर, तो बदनाम करने के लिए रची ये गंदी साजिश

MP News: महिला फॉरेस्ट रेंजर ने अपने ही बॉस के खिलाफ जगब की साजिश रची. उसने ऐसा प्लान बनाया कि डीएफओ अधिकारी का वन क्षेत्र से तबादला ही हो गया.

Advertisement
Read Time: 3 mins

MP Crime News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी (Shivpuri) वन विभाग कार्यालय से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. एक महिला रेंजर (Female Ranger) ने अपने ही अधिकारी जिला फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) को बदनाम करने की साजिश रचते हुए उसके ट्रांसफर की उम्मीद कर शहर में मौजूद तमाम फॉरेस्ट ऑफिस में आपत्तिजनक पोस्टर चिपकवा दिए थे. डीएफओ को लेकर न केवल कई आपत्तिजनक बातें की गई थी, बल्कि उन्हें भ्रष्टाचारी और जंगल का शत्रु बताते हुए चरित्रहीन भी बताया गया था. इसकी शिकायत शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर शिवपुरी ने पुलिस थाना कोतवाली को की. जांच पड़ताल के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.

पूरे शहर में लगवाए थे आपत्तिजनक पोस्टर

डीएफओ सुधांशु यादव की छवि धूमिल करने के लिए महिला रेंजर कर्मी ने पूरे शहर में पोस्टर लगवाए थे. डीएफओ की शिकायत पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें दो वन रक्षक पकड़ में आए. इनसे पूछताछ करने के बाद इन्होंने बताया कि रेंजर कृतिका शुक्ला ने उन्हें पोस्टर दिए थे. फिलहाल आरोपी कृतिका फरार चल रही है. 

Advertisement

क्यों महिला रेंजर के टारगेट पर आए डीएफओ

पूरे मामले को लेकर जो जानकारी सामने आई, उसमें बताया गया कि दो महिला रेंजरों की आपस की खुन्नस की वजह से यह घटना हुई. एक महिला रेंजर को एक बीट का प्रभार देने की वजह से शिवपुरी जिले में पदस्थ डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर सुधांशु यादव महिला रेंजर कृतिका के टारगेट पर आ गए. उसने उन्हें निशाना बनाकर न केवल बदनाम करने की कोशिश की, बल्कि उन पर कई गंभीर और आपत्तिजनक आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास भी किया. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :- सार्वजानिक जगहों से फायर सेफ्टी गायब ! नगर पालिका ने थमाया नोटिस

ऐसे किया पुलिस ने खुलासा

डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर के अंतर्गत आने वाले अन्य बीट ऑफिस में शुक्रवार शनिवार की दरमियानी रात जगह-जगह पोस्टर लगवा दिए गए और उन पोस्टरों पर लिखा था कि डीएफओ चोर है, भ्रष्टाचारी है, षड्यंत्रकारी है, रेत माफियाओं से मिला हुआ है और चरित्रहीन है. सुबह हुई तो यह मामला चर्चा का विषय बन गया. डीएफओ भड़क गए और सीधे पुलिस में जा पहुंचे, जहां पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की और सीसीटीवी कैमरा की रिकॉर्डिंग खंगाली तो सामने आया कि बाकायदा कर्मचारी जो कि फॉरेस्ट ऑफिस में ही वन कर्मी के पद पर पदस्थ है, वह पोस्टर चिपका रहे हैं. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :- आदिवासी समाज के 26 बच्चों ने किया कमाल, NEET की परीक्षा में मारी बाजी

Topics mentioned in this article