शर्मनाक: एंबुलेंस ड्राइवर ने रास्ते में उतार कर भगाया, बेटे का शव कंधे पर ले जाने को मजबूर हुआ पिता

MP News: मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक बड़ी खबर है. जहां बेटे की मौत के बाद भी उसके पिता को सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली. जिससे मजबूर पिता अपने बेटे के शव को कंधे पर रखकर दो किलोमीटर तक चलता रहा.

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां महिदपुर के शासकीय अस्पताल में एक मासूम की मौत होने पर उसके पिता को दो किलोमीटर तक शव कंधे पर ले जाना पड़ा. वजह ये है कि एंबुलेंस चालक ने बीच रास्ते में शव उतार कर कहा बच्चा तो मर गया है, खुद लेकर चले जाओ. उसे दूसरी कॉल पर जाना है.

रास्ते मे ही एंबुलेंस चालक ने उतार दिया

गुना निवासी धनराज अपनी पत्नी राम श्री और सात बच्चों के साथ महिदपुर रोड पर स्थित गांव गोगापुर के निवासी हैं. वह मजदूरी कर अपना जीवन बसर कर रहा है. ये दंपति बुधवार को अपने एक साल के बेटे अर्पित की तबियत बिगड़ने पर महीदपुर तहसील के शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. इस पर परिजन शव एम्बुलेंस से घर के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही एम्बुलेंस चालक ने उन्हें शव के साथ यह कहते हुए उतार दिया कि बच्चा तो मर गया है, खुद ले जाओ, हमें दूसरी कॉल पर जाना है.
 

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नतीजतन पिता धनराज बेटे के शव को कंधे पर डाल कर क़रीब दो मीटर दूर बस स्टैंड पर ले गया. बता दें कि धनराज की छह बेटियां हैं और उसका एक ही बेटा था.

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लोगों ने दिखाई इंसानियत

महिदपुर रोड स्थित गांव गोगापुर से बच्चे का शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिलने पर धनराज, उनकी पत्नी राम श्री और रिश्तेदार बस स्टैंड पर पहुंच गए. यहां दंपति को शव लेकर बैठे देख लोगों ने उनकी परेशानी को समझने के बाद चंदा किया और प्राइवेट एम्बुलेंस से उन्हें गांव भिजवाया. इस दौरान कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर कर दिया. परिजनों का आरोप है कि चालक ने जहां उन्हें रास्ते में उतार दिया. वहीं, अस्पताल के डॉक्टर और एक मैडम ने भी एंबुलेंस न होने की बात कहते हुए शव लेकर जाने को कह दिया था, लेकिन बाद में एमबुलेंस तो मिला, लेकिन वह भी रास्ते में ही छोड़ कर चला गया. 

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