Farmers movement in Khetia Mandi: बड़वानी के खेतिया कृषि उपज मंडी में किसानों के आक्रोश का दौर आखिरकार 27 घंटे बाद समाप्त हुआ. अपनी उपज का उचित मूल्य दिलाए जाने और व्यापारियों द्वारा कम दाम में खरीद पर रोक लगाने की मांग को लेकर किसान गुरुवार सुबह से ही कड़कड़ाती ठंड के बीच मंडी गेट पर चक्का जाम करते हुए धरने पर बैठ गए थे.
27 घंटे चला चक्का जाम, ठंड में भी जमे रहे किसान
किसानों ने आरोप लगाया था कि व्यापारी मक्का की खरीद 6-7 रुपये किलो जैसे कम भाव पर कर रहे हैं, जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है. करीब 27 घंटे तक किसान खुले आसमान के नीचे डटे रहे, इसी बीच प्रशासन द्वारा कई दौर की बैठकें की गईं.
अपर कलेक्टर, एसडीपी, मंडी सचिव सहित पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा
अपर कलेक्टर, एसडीपी, मंडी सचिव और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों से बातचीत की और आंदोलन समाप्त कराने की कोशिश की. किसी भी बैठक में किसान पीछे हटने को तैयार नहीं थे, लेकिन देर शाम हुई महत्वपूर्ण बैठक में कई मांगों पर सहमति बनने के बाद आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ.
किसान नेता सीलदार सोलंकी ने बताया कि प्रशासन से वार्ता के बाद निम्न निर्णय लिए गए-
- खराब मक्का का दाम बढ़ाया गया: जो मक्का पहले 700 रुपये प्रति क्विंटल खरीदी जा रही थी, अब उसे 1150 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जाएगा.
- अन्य मक्का भी मंडी के निर्धारित रेट पर खरीदी जाएगी.
- बची हुई उपज की खरीद नीलामी रेट के अनुसार निष्पक्ष रूप से की जाएगी.
- प्रतिदिन आने वाली 250–300 गाड़ियों को समय पर नीलामी
- सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नियमित और पारदर्शी नीलामी सुनिश्चित करने पर सहमति बनी.
- भेदभाव रहित खरीद का भरोसा
किसानों ने स्पष्ट कहा कि अब किसी भी किसान के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. वहीं किसान नेताओं ने कहा कि अगर आगे भी किसानों के साथ अन्याय हुआ, तो हम फिर आंदोलन करने को तैयार हैं.