Fake Brands: मुंबई की टीम ने मारा छापा, नकली पानी की बोतल देखकर उड़ जाएंगे होश

Fake Products: जुलाई में ग्वालियर के शख्स ने पानी की बोलत खरीद कर पी थी उसके बाद उसके तबियत बिगड़ गई और उसे ICU में एडमिट करना पड़ा था. वहीं जब कंपनी से शिकायत की गई तो मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने एक टीम गठित कर एक्शन लेने के निर्देश दिए. अब ग्वालियर में बड़ी मात्रा में नकली पानी की बोतले मिली हैं.

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Fake Bisleri Water Bottle: मुंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) के आदेश पर एडिशनल स्पेशल रिसीवर की मौजूदगी में मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) शहर में नकली पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर बिसलेरी की फैक्ट्री पर छापामार की कार्रवाई कर फैक्ट्री को सील कर दिया. इसके साथ ही करोडों रुपए कीमत की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बंद कराया गया है. मौके पर मुंबई से आए अधिकारियों को बड़ी संख्या में खाली और भरी बोतल भी बरामद की है. बीते लंबे समय से ग्वालियर शहर में फेमस पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर कंपनी बिसलेरी के नाम से मिलता-जुलता ड्रिंकिंग वॉटर की बोतले धड़ल्ले से बेची जा रही थीं. मामले का खुलासा बीती जुलाई महीने में मोहर्रम जुलूस के दौरान हुआ था.

जुलाई में क्या हुआ था?

जुलाई में नदीम खान नाम के युवक ने बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के आनंद नगर स्थित शीतला डेयरी से बिसलेरी पानी की बोतल खरीदी थी. बोतल पर बिसलेरी से मिलता जुलता नाम लिखा हुआ था, जिसे पीने के बाद नदीम की हालत बिगड़ी और उसे जयारोग्य अस्पताल के ICU में भर्ती कराना पड़ा था, इस मामले में थाना बहोड़ापुर पुलिस में शिकायत भी की गई थी और पुलिस ने लीगल एक्शन लेते हुए बिसलेरी कंपनी को नोटिस भेजा था.

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नोटिस पर बिसलेरी कंपनी ने मुंबई हाईकोर्ट पहुंची और सबूत के साथ तर्क दिया कि देशभर में बिसलेरी के नाम से मिलती-जुलती पानी की बोतल बेची जा रही हैं. 

उसके बाद क्या हुआ?

हाईकोर्ट ने सबूत के आधार पर एडिशनल स्पेशल रिसीवर की नियुक्ति करते हुए कार्यवाई के लिए निर्देशित किया, जिसकी शुरुआत ग्वालियर से ही की गई. 15 नवंबर को शहर के विनय नगर सेक्टर 3में ग्वालियर बेवरेज नाम से संचालित पानी फैक्ट्री पर कार्रवाई की गई, जहां एडिशनल स्पेशल रिसीवर ने मौके पर हजारों की संख्या में खाली और भरी हुई पानी की बोतल बरामद की, इन सभी बोतल पर बिसलेरी के नाम से मिलता जुलता नाम वाला रैपर लगा हुआ था. ऐसे में एडिशनल स्पेशल रिसीवर के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सील कर दी गई है. एडिशनल स्पेशल रिसीवर तेज सिंह का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई अब लगातार जारी रहेगी. लोगों को भी जागरूक होना होगा, क्योंकि असली और नकली में फर्क करना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है.

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