
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक अफगानी नागरिक सालों से फर्जी भारतीय पहचान के साथ रह रहा था, उसने न सिर्फ खुद के लिए भारतीय पासपोर्ट बनवाया, बल्कि अपने दूसरे अफगानी साथियों के लिए भी फर्जी दस्तावेज़ तैयार कराए. अब एटीएस ने इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
स्थानीय महिला से भी किया निकाह
मुखबिर से मिली सूचना के बाद ATS ने कार्रवाई करते हुए अफगानी नागरिक सोहबत खान को जबलपुर से गिरफ्तार किया,पूछताछ में सामने आया कि वो पिछले 10 साल से जबलपुर में अवैध रूप से रह रहा था.इस दौरान उसने एक स्थानीय महिला से निकाह भी कर लिया और फिर फर्जी कागजों के ज़रिए भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया.
अन्य अफगानी नागरिकों के लिए भी बनवा रहा था पासपोर्ट
इतना ही नहीं, वह पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में रह रहे अन्य अफगानी नागरिकों के लिए भी पासपोर्ट बनवा रहा था, दस्तावेज़ों में उनका पता जबलपुर का दिखाया गया था. ATS को अब तक 20 ऐसे मामलों की जानकारी मिली है, जिनमें अफगानी युवकों ने जबलपुर के फर्जी पते से पासपोर्ट बनवाने की कोशिश की. इनमें से दो अकबर और इक़बाल के पासपोर्ट बन भी चुके हैं.
ATS ने सोहबत के अलावा दो स्थानीय लोगों को भी गिरफ्तार किया है जिनमें से एक दिनेश गर्ग जो वन विभाग में वनरक्षक रह चुका है और फिलहाल कलेक्टर कार्यालय के चुनाव सेल में पदस्थ था. दूसरा आरोपी महेंद्र कुमार सुखदन दस्तावेज़ तैयार कराने में मदद करता था.
जांच में ये भी आया सामने
जांच में यह भी सामने आया कि पासपोर्ट आवेदन से ठीक पहले आधार कार्ड में ऑनलाइन पते में हेरफेर की गई थी,पश्चिम बंगाल की जगह जबलपुर का फर्जी पता ऑनलाइन बदला गया. स्थानीय युवकों की मदद से पुलिस वेरिफिकेशन और पोस्ट ऑफिस से पासपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया भी पूरी करवाई गई.इसके लिये उन्हें पैसे दिये गए. ATS को अब तक करीब 10 लाख रुपये के लेन-देन की जानकारी मिली है. फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.