
Dewas Crime News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बड़े नकली नोट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. देवास पुलिस (Dewas Police) ने एक बड़ी सफलता प्राप्त की है. नकली नोटों के निर्माण एवं अवैध संचालन में लिप्त एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. पांच आरोपियों के पास से पुलिस ने कार्रवाई के दौरान लगभग 16 लाख रुपये के नकली नोट पकड़े हैं. मामले का खुलासा देवास एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 1 जून को बैंक नोट प्रेस के थाना प्रभारी अमित सोलंकी को सूचना मिली कि दो व्यक्ति नकली नोट लेकर क्षेत्र से जा रहे है. पुलिस ने दो विशेष टीमों का गठन किया. टीमों ने आरोपी सचिन नागर और शुभम वर्मा को गिरफ्तार कर उनके पास से 1,96,200/- के नकली नोट एवं एक काली रंग की स्प्लेंडर बाइक जब्त की. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि आरोपी राजकुमार मालवीय द्वारा अपने निवास पर नकली नोटों का निर्माण किया जा रहा हैं.
मुख्य आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस टीमों ने आरोपी राजकुमार के घर पर दबिश दी, जहां से आरोपी राजकुमार मालवीय और सुनील पाटिल को गिरफ्तार कर उनके पास से 13 लाख 25 हजार रुपये के 500-500 की नकली नोटों की गड्डियां और नोट बनाने वाले उपकरण बरामद की. पुलिस ने कुल 15,41,200/- के नकली नोट, लैपटॉप, प्रिंटर, स्केनिंग पेटी, 100-200-500 के अर्द्ध छपे प्रिंट पेपर एवं दो बाइक जब्त किए हैं.
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एसपी ने दी जानकारी
एसपी पुनीत गेहलोद ने बताया कि नकली नोट बनाने के मामले में मुख्य आरोपी सुनील पाटिल है. सुनील की मुलाकात अन्य साथियों से भेरूगढ़ जेल में हुई थी, जो 2006 से नकली नोट का निर्माण करते आ रहा है. आरोपियों से लगभग 16 लाख रुपये की राशि की जब्त की गई है. अंदाजन अभी तक ये आरोपी 25 लाख रुपये खपा चुके हैं. बाकी और जानकारी इनसे ली जा रही है.
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