मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले के मनावर विधानसभा में स्थित 1200 साल पुराना परमार कालीन शिव मंदिर अब अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. ये मंदिर पहले पुरातत्व विभाग में शामिल था, लेकिन कुछ सालों पहले इसे पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण से बाहर कर दिया. हालांकि स्थानीय लोगों द्वारा हड़ताल करने के बाद इसे पुरातत्व विभाग में शामिल कर लिया गया, लेकिन इसके बावजूद इस मंदिर की हालत दिनोंदिन दयनीय होती जा रही है. इतना ही नहीं पुरातत्व विभाग में शामिल होने के बावजूद इस मंदिर की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है.
1200 साल पुराना परमार कालीन शिव मंदिर को अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री से खतरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये मंदिर 1200 साल पुराना है और यह मंदिर प्राचीन काल के समय में बना था. इस मंदिर में लगे हुए पत्थर भी आज जर्जर हालत में है. इस मंदिर के पत्थरों पर कारीगर के नाम भी लिखे हुए हैं. इस मंदिर के आस-पास के जमीन को अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री नेअधिकृत कर लिया है. वहीं इस कंपनी के यहां स्थापित होने के बाद पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण से इस मंदिर को बाहर कर दिया. स्थानीय लोगों के द्वारा लड़ाई लगने के बाद विभाग ने इसे अपने संरक्षण में शामिल कर लिया, लेकिन इसके बावजूद विभाग की इस ओर कोई ध्यान नहीं है. वहीं विभाग का कोई अधिकारी आज तक इस देवरा मंदिर में नहीं पहुंचा है.
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ब्लास्टिंग के कारण गिर रहे मंदिर में लगे पत्थर
स्थानीय लोगों का कहना है कि अल्ट्राटेक कंपनी मंदिर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं माइनिंग का काम मंदिर के कुछ ही दूरी पर होता है. ऐसे में जब बड़ी ब्लास्टिंग की जाती है तो मंदिर में लगे पत्थर गिरने लगते हैं. इतना ही नहीं ब्लास्टिंग की वजह से मंदिर के द्वार पर लगे पिलर भी अब धीरे-धीरे अपनी जगह छोड़ रहा है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ये अगर ऐसे ही कंपनी द्वारा बड़ी ब्लास्टिंग की जाती रही तो एक दिन इस प्राचीन मंदिर का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.
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