MP High Court: मध्य प्रदेश हाई (Madhya Pradesh Court) कोर्ट ने राज्य सरकार (MP Governmnet) को निर्देश दिया है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों (Private Medical College) में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए. इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करना है. मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति (Justice) विवेक जैन की खंडपीठ ने इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को एक वर्ष का समय दिया है.
याचिका में क्या कुछ कहा गया?
जबलपुर निवासी छात्र अथर्व चतुर्वेदी ने याचिका दायर कर यह मामला उठाया. उन्होंने बताया कि वह सामान्य वर्ग के EWS कोटे से नीट परीक्षा (NEET Exam) में शामिल हुए थे और 720 में से 530 अंक प्राप्त किए थे. इसके बावजूद, निजी मेडिकल कॉलेजों में उन्हें सीट नहीं मिली. याचिकाकर्ता ने कहा कि उनसे कम अंक वाले एनआरआई कोटे और शासकीय स्कूल कोटे के अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित की गईं.
उन्होंने तर्क दिया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में EWS आरक्षण लागू है, लेकिन निजी कॉलेजों में इसे लागू नहीं किया गया. याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने 2019 में इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे लागू नहीं किया.
राज्य सरकार की दलील
राज्य सरकार ने कहा कि नीट परीक्षा के नियम याचिकाकर्ता को पहले से ज्ञात थे और प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसलिए अब नियमों में बदलाव संभव नहीं है. इसके अलावा, नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने का कोई निर्देश नहीं दिया गया था.
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