Ekta Aswani Inspiration Story, MPPSC 2023 Rank 9: जीवन कभी-कभी ऐसी परीक्षा लेती है, जिसकी तैयारी कोई नहीं करता, लेकिन कुछ लोग उसे अपनी पहचान बना देते हैं... तो कुछ लोग टूट जाते हैं. ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल जिला (Shahdol) के रहने वाली एकता आसवानी की. एकता आसवानी (Ekta Aswani) एमपीपीएससी 2023 (MPPSC 2023) में 9वीं रैंक हासिल कर कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर (Cooperative Inspector) बनीं. यहां तक पहुंचने में एकता आसवानी की राह काफी संघर्षों भरा रहा.उन्होंने मेंटल ट्रॉमा से निकलकर इस सफलता तक पहुंच पायी है.

Ekta Aswani Success Story: सबकुछ खोया पर नहीं मानी हार...एकता आसवानी ने ऐसे लिखीं MPPSC 2023 में सफलता की इबारत
सबकुछ खोकर भी एकता आसवानी ने नहीं मानी हार
एकता आसवानी की कहानी इस लिए प्रेरणादायक नहीं है, क्योंकि वो एमपीपीएससी 2023 में उनका चयन कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर के पद पर हुआ है, बल्कि इसलिए है कि वो अपना सबकुछ खोकर भी हार नहीं मानी... बल्कि संर्घष का रास्ता चुना. उन्होंने तैयारी के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे, वो अपने माता-पिता और दादी को खोया, लेकिन इसके बावजूद वो डटकर खड़ी रहीं.
5 साल की मेहनत.. पांचवें प्रयास में पायी सफलता
एकता आसवानी अब 2023 परीक्षा में सफलता हासिल कर मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश के महिला और अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है. एकता ने पांचवें प्रयास में ये सफलता हासिल की. वो पहली बार 2019 में एमपीपीएससी की परीक्षा दी, वो प्री क्वालिफाई की, लेकिन मेंस परीक्षा में सफलता नहीं मिली. इसके बाद वो फिर परीक्षा दी... वो 4 बार मेंस परीक्षा तक पहुंची. हालांकि पाचवें प्रयास में वो इंटरव्यू क्लियर कर कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर बनीं हैं.
मां की मौत के बाद मेंटल ट्रॉमा में चली गई थी एकता
जब एकता आसवानी एमपीपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की तो 6 महीने बाद उनकी मां की डेथ हो गई. इस दौरान वो बिखर गई... काफी मुश्किलों के बाद वो अपने आप को संभाली और फिर से तैयारी शुरू की. एकता मेंटल ट्रॉमा के साथ पढ़ाई शुरू की... वो इस ट्रॉमा के साथ पढ़ाई कर रही थी और फेल भी हो रही थी, लेकिन हार नहीं मानी... MPPSC 2021 और MPPSC 2022 मेंस परीक्षा में भी रिजल्ट नहीं आया. इसके बाद उन्होंने काफी मेहनत कर एमपीपीएससी 2023 की परीक्षा में बैठी. इस दौरान उनका प्री, मेंस और इंटरव्यू भी क्लियर हुआ.
पिता भी दुनिया को कहा अलविदा
एकता कहती हैं कि पहली बार उन्हें पहली बार फिल हुआ कि वो अपना सबसे बेस्ट देकर आई... वो घर पहुंची और अपने पापा को गले लगाकर कहा कि इस बार इंटरव्यू देने जरूर जाऊंगी... उनके पिता काफी प्राउड फिल कर रहे थे, लेकिन इस परीक्षा के एक महीने बाद पिता की भी मौत हो गई...
पिता के मौत के 15 दिन बाद एकता अश्वनी लाइब्रेरी गई. लेकिन यहां तक पहुंचने तक वो काफी टूट गई, क्योंकि दोनों पेरेंट्स का रोल अदा करने वाले पिता भी इस दुनिया में नहीं रहे. हालांकि इस दौरान उनकी हिम्मत उनका छोटा भाई बना.
इंटरव्यू के 20 पहले दादी को भी खोया
एकता कहती हैं कि छोटा भाई ने कहा कि मां-पापा का सपना पूरा करना है. वो कहती हैं कि मेरा कोई भी ऐसा किताब नहीं होगा, जिसमें मेरे आंसू नहीं गिरे होंगे. मेरा हर किताब का पन्ना आंसूओं से भींगा हुआ है... पिता के जाने के बाद भाई और दादी ने काफी सपोर्ट किया है, लेकिन इंटरव्यू के 20 पहले वो अपनी दादी को भी खो दी. मैं चाहती कि वो इंटरव्यू वाली साड़ी में वो देखें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ... हालांकि दादी का आशीर्वाद मेरे साथ था.