MP सरकार का दावा- हाईटेक व्यवस्था की तैयारी! माननीय पूछ रहे हैं- कब मिलेगा ई-विधायक ऑफिस?

e-Office System: मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधि होता है. वह अपने क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए जिम्मेदार होता है और कानून बनाने में भी हिस्सा लेता है. मध्य प्रदेश सरकार ने विधायकों के लिए 'ई-विधायक ऑफ़िस' योजना शुरू की है. इस योजना के तहत हर विधायक को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे, जिनसे वे ई-ऑफ़िस स्थापित कर सकते हैं. लेकिन अभी तक इस योजना पर असमंजस बना हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

E-office Yojana MP: मध्य प्रदेश के माननीय डिजिटल बनें इसलिये डॉ मोहन यादव की सरकार ने ई-विधायक ऑफिस (E-Office) योजना शुरू की थी. तय हुआ था कि विधायकों को लैपटाप (Laptop) या कंप्यूटर (PC) खरीदने के लिए अलग से राशि नहीं दी जाएगी. इस योजना के लिए हर विधायक को सरकार की तरफ से पांच लाख रुपये देने की बात कही गई थी. बजट सत्र में मामला तय हुआ, शीतकालीन सत्र आने वाला है लेकिन पैसे कैसे दिये जाएं ये तय नहीं हुआ है. आइए जानते हैं NDTV ने इस पर क्या कुछ पड़ताल की है?

पहले जानिए कितनी बैठक हुईं?

सात साल के आंकड़ों को देखें तो मध्यप्रदेश विधानसभा में 18 दिन की भी औसत बैठक नहीं हुई. अब माननीय ऑनलाइन शांति से काम कर लें, उनके पास ई-ऑफिस हो, जो ई-विधान से जुड़ा रहे, ताकि विधायक जी को हर विषय की पूरी जानकारी सिंगल क्लिक पर मिल जाए. इसके लिये ई-ऑफिस शुरू होना है. लेकिन कब से इसकी शुरूआत होगी? ये सवाल विधायक जी पूछ रहे हैं.

अब सुनिए MLA साहब क्या कह रहे हैं?

कांग्रेस विधायक (Congress MLA) आरके दोगने कहते हैं कि सरकार सिर्फ बीजेपी सांसद व विधायकों को मकान देने में लगी है. सभी को दो-दो मकान दे रही है, विधायक दिन रात काम करता है कलेक्टर-एसडीएम से ज्यादा भीड़ विधायक के बंगले पर होती है. उनके ई ऑफिस के लिए कुछ नहीं, सरकार ने प्रवधान किया है तो ये सुविधा देनी चाहिए.

खजाना भी बचाना है, विधायकों भी मनाना है

सरकार को खजाने की फिक्र है, ई-ऑफिस भी बनाना चाहती है लेकिन तारीख तय नहीं है. मध्य प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री लखन पटेल का कहना है कि युग बदल रहा है. कंप्यूटराइजेशन का युग है. हाईटेक हो रहा सबकुछ, सारे साधन उपलब्ध हो सकें, कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जरूरत पड़ती है. सरकार प्रयास कर रही है. इसके लिए 5 लाख रुपए तक का प्रावधान किया है. लेकिन प्रक्रियाओं में समय लगता है.

Advertisement
ई विधान की कवायद में 60 प्रतिशत राशि केंद्र देगा 40 प्रतिशत राज्य देगा. विधानसभा सचिवालय को इसका पूरा सेटअप तैयार करना है. सूत्र बताते हैं कि सरकार के सामने संकट ये है कि विधायकी जाने के बाद वो ऑफिस कैसे हासिल करेगी. इसलिये फाइल में हस्ताक्षर करने का असमंजस है.

वरिष्ठ पत्रकार जानकार धनंजय प्रताप सिंह कहते हैं कि अभी तक कंफ्यूजन है, सरकार इसे निधि के रूप में देगी या फिर जो स्वेच्छा अनुदान मिलता है उसी में से विधायक निधि मिलती है, क्षेत्र विकास निधि मिलती है उसमें से निकलना पड़ेगा? इसे लेकर ठोस निर्णय नहीं हो पा रहा है. उपकरण और जरूरी डिवाइस की खरीदी विधायक कर सकेंगे ये प्रावधान है. सब कुछ ई विधान प्रोजेक्ट के तहत हो रहा है पर एक कार्यालय बहुत जरूरी है.

मध्यप्रदेश में विधायकों को हर महीने लगभग इनते का फंड

  • वेतन - ₹30,000
  • निर्वाचन भत्ता - ₹35,000
  • टेलीफोन खर्च - ₹10000
  • चिकित्सा भत्ता - ₹10000
  • अर्दली भत्ता - ₹10,000
  • सामग्री खरीदी - ₹10,000
  • लेखन सामग्री और डाक भत्ता ₹10,000
  • कंप्यूटर ऑपरेटर अर्दली भत्ता ₹15,000
  • अन्य ₹5,000 हर महीने मिलते हैं.

साल 2023-24 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डिजिटल बजट प्रस्तुत किया था, विधायकों को टैबलेट दिए गए थे. वहीं 35 हजार रुपये विधायकों को लैपटॉप-कंप्यूटर खरीदने के लिए दिए जाते थे, लेकिन 16वीं विधानसभा के गठन और ई-दफ्तर के फैसले के बाद ये राशि नहीं दी गई.

Advertisement

यह भी पढ़ें : Soybean MSP: सोयाबीन की खरीदी MSP पर शुरू, CM मोहन ने कहा- उपार्जन के लिए बनाए गए हैं इतने केंद्र

यह भी पढ़ें : Ujjain Simhastha 2028: स्थायी आश्रम बनाने का CM मोहन ने लिया फैसला, Ujjain से Haridwar तक के साधु-संतों ने सराहा

Advertisement

यह भी पढ़ें : Fertilizer Crisis: कृषि मंत्री ने कहा-किसान परेशान न हों, MP में मौजूद है पर्याप्त खाद स्टॉक, ऐसे हैं आंकड़े

यह भी पढ़ें : Diwali से पहले CM साय ने इन कर्मचारियों के बोनस का किया ऐलान, एप लॉन्च में कहा- PM सूर्य घर का उठाएं लाभ

Topics mentioned in this article