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This Article is From Mar 13, 2024

महापौर के सामने महिला ने खुद के ऊपर डाला पेट्रोल, फिर जो हुआ उससे मचा हड़कंप, जानें पूरा मामला

Public Hearing in Dewas Municipality: देवास नगर पालिका में जनसुनवाई के दौरान एक महिला ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की. जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया.

महापौर के सामने महिला ने खुद के ऊपर डाला पेट्रोल, फिर जो हुआ उससे मचा हड़कंप, जानें पूरा मामला
देवास नगर पालिका में एक महिला ने जनसुनवाई के दौरान खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की.

Woman Tried to Commit Suicide by Pouring Petrol: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास (Dewas) में बुधवार को नगर पालिका में चल रही जनसुनवाई (Public Hearing in Dewas) के दौरान उस समय हड़कंप मच गया, जब एक महिला ने महापौर के सामने खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह (Woman Tried to Commit Suicide) करने का प्रयास किया. हालांकि मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने महिला के हाथ से पेट्रोल से भरी बोतल छीन ली और अनहोनी टल गई. दरअसल, यह महिला महापौर (Dewas Mayor) के आगे न्याय की गुहार लगाने आई थी. जिसे पांच महीनों तक काम करवाने के बाद वेतन नहीं दिया गया है.

यह है पूरा मामला

यह पूरा मामला देवास नगर पालिका का है. जहां निगम सहयोगी संस्था के रूप में कार्य करने वाली 45 महिला आईईसी वर्कर्स (IEC Workers) ने वेतन की मांग को लेकर नगर पालिका के जनसुनवाई में पहुंची. ठेका प्रथा में काम करने वाली इन महिला कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें ठेकेदार ने पिछले पांच महीनों से वेतन नहीं दिया है. वे वेतन के लिए कई जगह गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन उनकी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

पीड़ित महिला कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने नवंबर महीने तक पूरी जिम्मेदारी से अपना काम किया. इसके बावजूद उनके साथ अन्याय और शोषण किया जा रहा है. पीड़ितों का कहना है कि जुलाई से नवंबर (5 महीने) तक किए गए काम का वेतन दिवाली से पहले दिया जाना था, जो कि अब तक नहीं दिया गया है. उन्होंने बताया कि संस्था प्रबंधन ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक निगम से बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा, तब तक वेतन का भुगतान किया जाना संभव नहीं है.

अधिकारियों और कंपनी पर लगाया संगीन आरोप

इस पूरे मामले में नगर निगम आयुक्त से बात की गई तो उन्होंने बात करने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया. वहीं पीड़ितों का कहना है कि इस बीच वेतन के लिए सभी वरिष्ठ निगम अधिकारियों से लगातार निवेदन किया गया, लेकिन 3 महीने से अधिक समय हो जाने के बाद भी किसी अधिकारी को हम गरीबों की दयनीय स्थिति नजर नहीं आ रही है. ऐसी स्थिति में हम सभी के पास आत्महत्या करने के सिवाय कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है. जिसके जिम्मेदार संयुक्त रूप से कंपनी और नगर पालिका है.

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