Madhya Pradesh Me Diwali Kab Hai 2025: दीपों का पर्व दिवाली 20 अक्टूबर को पूरे देश में अधिकांश लोगों द्वारा मनाया जा चुका है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि दिवाली 21 अक्टूबर को भी मनाई जा रही है. इसके पीछे क्या तर्क है, यह हम जानेंगे कि क्यों 21 अक्टूबर को दिवाली उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई प्रदेशों में मनाया जाएगा.
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आज अमावस्या तिथि आज शाम 5:54 बजे तक ही है
गौरतलब है 21 अक्टूबर को 21 अक्टूबर के दिन व्यापारिक पूजा और गोवर्धन पूजा की तैयारी के लिए भी बहुत शुभ है. दिलचस्प यह है कि 21 अक्टूबर को होने वाली लक्ष्मी और गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त को लेकर भी संशय है, क्योकि अमावस्या तिथि आज शाम 5:54 बजे तक ही है, इसलिए सारे शुभ कार्य इसी समय से पहले निपटा लेने होंगे.
21 अक्टूबर को मनाई जाने वाली दिवाली का शुभ मुहूर्त
पंचाग के अनुसार अमावस्या तिथि आज शाम 05:54 बजे तक ही है, इसलिए आपको सारे शुभ कार्य इसी समय से पहले निपटा लेने होंगे.सुबह उठकर, आप 06:26 बजे के बाद 'दिवाली/अमावस्या स्नान' कर सकते हैं, जिससे नकारात्मकता दूर होती है और शरीर शुद्ध होता है. इसके बाद, अगर आप अपनी दुकान, फैक्ट्री या ऑफिस में पूजा करना चाहते हैं, तो 'व्यापारिक पूजा' के लिए दिन का सबसे शुभ समय यानी 'अभिजीत मुहूर्त' दोपहर 11:47 बजे से 12:35 बजे तक है.
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अभिजीत मुहूर्त' दोपहर 11:47 बजे से 12:35 बजे तक है
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:47 बजे से 12:35 बजे तक है. यह मुहूर्त व्यापार की उन्नति के लिए बहुत उत्तम माना जाता है. जिन लोगों की लक्ष्मी पूजा 20 अक्टूबर को छूट गई थी, वे आज शाम 05:54 बजे अमावस्या तिथि खत्म होने से पहले सामान्य रूप से देवी-देवताओं का पूजन कर सकते हैं. इसके अलावा, आज पूरे दिन आप कल होने वाली गोवर्धन पूजा की तैयारी शुरू कर सकते हैं, जैसे कि गोबर जुटाना, जो कि बेहद शुभ माना जाता है.
आज कब तक है गोवर्धन पूजा का सही समय?
आम तौर पर, दिवाली खत्म होते ही अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, लेकिन इस बार तिथियों की वजह से यह तारीख एक दिन आगे बढ़ गई है. असल में, 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि शाम 05:54 बजे तक है, जिसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो रही है. पंडितों की मानें तो गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) हमेशा उदिया तिथि में मनाना सबसे शुभ होता है.
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भाई दूज के लिए क्या है शुभ तिलक मुहूर्त?
दिवाली के 6 दिन के इस महापर्व का समापन भाई-बहन के पवित्र त्योहार भाई दूज के साथ होगा, जो 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा. यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम को मजबूती देता है, जिसमें बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं. तिलक करने का सबसे शुभ समय दोपहर 01:13 बजे से दोपहर 03:28 बजे तक रहेगा.