
Dinosaur National Park in Dhar: विशालकाय डायनासोर की कहानियां सुनकर भला कौन रोमांचित नहीं होता होगा? अब इस रोमांच को आप करीब से महसूस कर पाएंगे क्योंकि मध्य प्रदेश के धार जिले में जल्द ही डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान (Dinosaur fossil National Park in Dhar) बनने वाला है. जिले के आदिवासी बाहुल्य बाग क्षेत्र में डायनासोर पार्क को डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के रूप में विकसित किया जाएगा. इसे लेकर विधानसभा में डॉक्टर मोहन यादव सरकार के पेश किए गए बजट में प्रावधान रखा गया है.
धार जिले के बाग में पहले से ही प्राचीन गुफाएं और डायनासोर के पदचिह्न मौजूद हैं, जिन्हें संरक्षित करने के लिए पहले से ही ग्राम पाड़लिया में जीवाश्म पार्क बनाया गया है लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इस साल डायनासोर जीवाश्म पार्क को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के रूप में विकसित किया जाएगा. यह एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा और इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
शाकाहारी डायनासोर के अंडें हैं मौजूद
धार जिले के बाग में पाए गए शाकाहारी डायनासोर के 65 मिलियन वर्ष पुराने पेटीकृत अंडे हैं जिन्हें इतिहास में पाए गए सबसे बड़े अंडों में से एक माना जाता है. बाग में इस जीवाश्म पार्क के विकास से पूरे मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्र में जीवाश्मों के अध्ययन संरक्षण और संग्रह को बढ़ावा मिलेगा.

आने वाले समय में डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अमिट छाप छोड़ेगा. यह बाग और आसपास के क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा.
बन रही है योजना
धार जिला वन मंडल अधिकारी अशोक कुमार सोलंकी ने इस संबंध में जानकारी दी कि बाग क्षेत्र में स्थापित डायनासोर जीवाश्म पार्क की डीपीआर योजना बनाई जा रही है. इसके लिए इको पैटर्न बोर्ड के माध्यम से टेंडर कॉल किया गया है, जिसमें कुछ लोगों ने भाग भी लिया है और कुछ लोगों ने बाग स्थित डायनासोर पार्क का विजिट भी किया है. इसको देखने के बाद उन लोगों ने भोपाल में एक डिटेल प्रेजेंटेशन भी दिया है लेकिन अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है. फाइनल डीपीआर बनाने से पहले यह देखा जा रहा है कि हम यहां ऐसा क्या कर सकते हैं जो विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बना सके और इसका पोटेंशियल स्थानीय लोगों के अलावा देश और विदेश के रिसर्च करने वालों को मिल सके.

इस संबंध में प्रदेश सरकार से अभी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है लेकिन संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने इसमें विशेष रुचि लेते हुए वीसी के माध्यम से इसमें कुछ कॉम्पोनेंट अवश्य जुड़वाए हैं. डीएफओ सोलंकी का मानना है कि बाग में डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के विकसित होने पर स्थानीय जनजातीय क्षेत्रों में रोजगार के नए आयाम खुलेंगे और इसी के साथ क्षेत्र का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंकित होगा.