
MP News In Hindi : सतना-मैहर में इन दिनों भ्रष्टाचार के मामलों में बड़ी कार्रवाई हो रही हैं. आयकर विभाग, EOW के टीमें लगातार एक्शन मोड पर हैं. वहीं, अब पुलिस-प्रशासन की टीम भी हरकत में आ गई है. ताजा अपडेट के मुताबिक, एक तरफ ईओडब्ल्यू की टीम ने समितियों पर शिकंजा कसना शुरू किया, तो दूसरी ओर थानों में भी दनादन एफआईआर दर्ज होनी प्रारंभ हो गई. 4203 क्विंटल से अधिक धान गायब करने वाली मैहर जिले की सहकारी समिति के प्रबंधक सहित तीन आरोपियों पर बीएनएस की धारा 316 (5),318(2) और 61 (A)(2) का प्रकरण दर्ज कर लिया गया.
NDTV ने किया था धान फर्जीवाड़े का खुलासा
नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक पंकज बोरसे की शिकायत पर आरोपी दीपेंद्र सिंह, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी और ऑपरेटर अनिल कुमार दहायत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. खरीफ फसल धान के उपार्जन में हुए व्यापक फर्जीवाड़े के संबंध में सबसे पहले NDTV ने 18 फरवरी को ग्राउंड जीरो में जाकर धान फर्जीवाड़े का खुलासा किया था, जिसके बाद मामले की जांच के लिए अधिकारी पहुंचे थे.
खरीदी प्रभारी को क्यों बचा रहे अधिकारी ?
डीएम नान पंकज बोरसे ने थाने में एफआईआर समिति प्रबंधक, आपरेटर,और खरीदी प्रभारी के नाम कराई है. मगर इस एफआईआर में भी डीएम नान ने बड़ा खेल किया है. ख़रीदीं प्रभारी राजीव तिवारी उर्फ राजू का नाम गलत लिखाया है एफआईआर में, ख़रीदी प्रभारी का नाम राजीव तिवारी की जगह संजीव तिवारी लिखाया है. जबकि राजीव तिवारी प्रभारी थे खरीदी केंद्र के खरीदी प्रभारी को बचा रहे अधिकारी.
15 दिन बीतने के बाद केस दर्ज
जांच में करीब 4203.60 क्विंटल की शार्टेज प्रमाणित की गई थी, जिसके बाद जिला प्रबंधक नान के द्वारा केंद्र प्रभारी को एफआईआर कराने का आदेश जारी किया गया था. अपने पत्र में समिति प्रबंधक जरौहा, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी और ऑपरेटर अनिल कुमार दहायत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को कहा गया. लगभग 15 दिन बीतने के बाद केस दर्ज किया गया.
लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी
गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में सेवा सहकारी समिति जरौहा मनकीसर को धान उपार्जन का कार्य सौंपा गया था. 23 जनवरी को जिले में धान उपार्जन कार्य समाप्त हो गया था, पर उसके बाद भी उक्त समिति पर परिवहन के लिए धान शेष थी. समिति के संबंध में लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी.
इस संबंध में महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सतना / मैहर ने रामनगर के शाखा प्रबंधक को जांच के लिए भेजा गया, जिसमें जांच प्रतिवेदन दिया गया कि समिति पर कुल 4203.6 क्विंटल धान की शॉर्टेज है. उक्त जांच प्रतिवेदन को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रबंधक एमपीडब्ल्यूएलसी मैहर एवं सहायक आपूर्ति अधिकारी अमरपाटन द्वारा संयुक्त रूप से उक्त समिति का भौतिक सत्यापन किया गया था.
96 लाख से अधिक है कीमत
पोर्टल के अनुसार समिति द्वारा कुल 45168 क्विंटल धान की खरीदी की गई. 36474.6 क्विंटल धान का परिवहन किया जा चुका था. पोर्टल के अनुसार समिति पर परिवहन के लिए कुल 8693.4 क्विंटल धान मौके पर होनी चाहिए. भौतिक सत्यापन में आठ से दस हजार धान की बोरी प्राप्त हुई, जिसकी कुल मात्रा लगभग तीन से चार हजार क्विंटल अनुमानित थी. धान की बोरियां अस्त व्यस्त तरीके से बिखरी हुई थी, जिस कारण बोरियों की सटीक मात्रा की गिनती कर पाना संभव नहीं था. जब गणना की गई तो 4203 क्विंटल का शॉर्टेज मिला जिसकी कीमत 9668280 रुपये आंकी गई है.
ऑपरेटर मिला, प्रबंधक की तबीयत बिगड़ी
भौतिक सत्यापन के दौरान समिति प्रबंधक दीपेंद्र सिंह एवं खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी अनुपस्थित थे. समिति पर ऑपरेटर मौजूद था जो कि शार्टेज के संबंध में कोई संतोष जनक जवाब अथवा दस्तावेज प्रस्तुत नहींं कर पाया. ऑपरेटर द्वारा अधिकारियों को बताया गया था कि समिति प्रबंधक दीपेंद्र सिंह को दिल का दौरा पड़ा है. वे भोपाल की अस्पताल में भर्ती हैं, दस्तावेज प्रस्तुत किए गए.
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क्या हुआ खेल ?
जांच से यह स्पष्ट है कि समिति पर चार हजार क्विंटल से ज्यादा की शॉर्टेज है, जो कि फर्जी खरीदी की गई या धान को खुर्द-बुर्द किया गया. इसलिए ब्रांच मैनेजर के प्रतिवेदन में उल्लेखित 4203.6 क्विंटल की शार्टेज के आधार पर समिति के समिति प्रबंधक, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी एवं ऑपरेटर अनिल कुमार दहायत के विरुद्ध संबंधित पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई. जानकारी के अनुसार, यह खेल एडवांस फीडिंग के जरिए हुआ है. अब देखना होगा कि क्या मामले में प्रशासक की भूमिका भी जांची जाएगी.
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