Dengue wreaks havoc in MP: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू पैर पसार रहा है. पिछले 24 घंटे में डेंगू के 6 नए मरीज मिले हैं. सितंबर के महीने में 127 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. अब राजधानी भोपाल में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 341 पर पहुंच गई है. बता दें कि राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या अब नए रिकॉर्ड की ओर है. वहीं डेंगू के लगातार बढ़ते मामले के बीच स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और लगातार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने फॉगिंग करने के निर्देश दिए.
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
इसके साथ ही नगर निगम की टीमों की ओर से इन इलाकों में सक्रियता बढ़ाई गई है.
डेंगू से खुद भी रहें सतर्क
डॉक्टर के अनुसार, डेंगू के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. खास कर बारिश के मौसम में लोग अपने आसपास पानी जमा न होने दें और आसपास साफ-सफाई रखें. कूलर और टंकियों की नियमित सफाई करें. साथ ही मच्छरदानी का प्रयोग करें.
कैसे फैलता है डेंगू?
मनुष्यों में डेंगू संक्रमित एडीज एजिप्टी मच्छर (Aedes aegypti) के काटने से फैलता है. साथ ही DENV वायरस के चलते ये बीमारी होती है. बता दें कि डेंगू संक्रमित मच्छर (Infected mosquitoes) के काटने से लोगों में फैलता है. आमतौर पर डेंगू (Dengue) के लिए चार वायरस जिम्मेदार होते हैं, जिनमें डीईएनवी-1, 2,3 और डीईएनवी-4 शामिल हैं.
डेंगू से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण (symptoms of Dengue)
डेंगू से पीड़ित व्यक्ति में कई लक्षण पाए जाते हैं, जो इस प्रकार है- मसल्स और ज्वॉइंट्स में दर्द, सिर दर्द, हल्का या तेज बुखार, पेट दर्द, चक्कर आना, उल्टी जैसा महसूस होना, आंखों में दर्द और ग्रंथियों में सूजन.
डेंगू के शुरुआती दौर में उचित इलाज कराने से बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है, लेकिन जब डेंगू के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर रिकवरी मुश्किल हो जाती है और ऐसे केस में मरीज की मौत भी हो जाती है.
डेंगू से मरीज की जा सकती है जान?
दरअसल, डेंगू का बुखार होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगता है, जिससे गंभीर स्थिति बन जाती है. ऐसे में सही समय पर इलाज न मिलने से मरीज की मौत भी हो जाती है. बता दें कि प्लेटलेट्स ब्लड में मौजूद छोटी कोशिकाएं होती हैं जो खून को जमाने में मदद करती हैं.
डेंगू की बीमारी में क्यों कम हो जाती है प्लेटलेट्स ?
1. बोन मैरो का कमजोर होना: डेंगू होने पर इसका वायरस बोन मैरो को प्रभावित कर देता है, जिससे प्लेटलेट्स का बनना कम हो जाता है. बता दें कि बोन मैरो ही वो जगह है जहां प्लेटलेट्स बनती हैं.
2. प्लेटलेट्स का टूटना: डेंगू वायरस खून में मौजूद प्लेटलेट्स को भी तोड़ देती है. इससे भी प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है.
3. खून का रिसाव: डेंगू में कभी-कभी खून की नली से रिसाव हो जाता है. इससे शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है.
डेंगू की बीमारी से कैसे बचें?
यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर सामान्यतः प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करते हैं. वहीं NTU सिंगापुर के अनुसार, डेंगू हो जाने पर तुरंत सटीक उपचार करवाएं. रिकवरी के बाद मरीज निगरानी में रहें. कुछ समय तक स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें और कुछ समय तक नियमित रूप से जांच कराएं.