
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के दमोह के सतरिया गांव में पैर धुलवाकर एक युवक को पानी पिलवाने से जुड़े मामले में बवाल शांत हो गया है, लेकिन मंगलवार को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के निर्देश पर 3 सदस्यीय टीम सतरिया गांव पहुंची और पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस टीम में दतिया विधायक फूल सिंह बरैया, सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और जबलपुर से पूर्व विधायक विनय सक्सेना शामिल थे
शाम को इन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां सवालों के जवाब देते हुए सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा एक पत्रकार के सवाल पर भड़क गए. पत्रकार ने उनसे पूछा कि पूरे घटनाक्रम में एआई से वीडियो जनरेट कर जूते की माला पहनना कहां तक सही है? इस पर विधायक आवेश में आ गए उन्होंने पत्रकार से पूछा आप किस पक्ष से हैं. इसके बाद कुछ देर के लिए माहौल गरमा गया, हालांकि बाद में पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने बात को संभाला और अपनी बात आगे कही.
जांच के बाद लौटे कांग्रसियों ने बताई ये बात
सबसे पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि जब आज हम गांव पहुंचे तो पीड़ित युवक और उसकी मां ने कहा कि हमें न्याय चाहिए. पूरा गांव दहशत में है. एक तरफ पूरे गांव में आक्रोश व तनाव है, दूसरी तरफ इस बात की चिंता है कि गांव में कोई बड़ी घटना हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को लेकर उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में आरोपियों पर धाराएं बढ़ाने और उस पंचायत में मौजूद लोगों पर एनएसए लगाने का आदेश जारी किया है.
विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि कानून ऐसी इजाजत नहीं देता. एक जाति विशेष के व्यक्ति के साथ सामूहिक रूप से मंदिर में दंड स्वरूप पैर धुलवाकर पानी पिलाना बहुत गलत है. वहां लोग डरे हुए हैं. कोई मिलने को तैयार नहीं है. ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए.
इसके बाद सतना विधायक कुशवाहा ने कहा कि देश में सामाजिक न्याय और समानता का कानून है. प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जो कमेटी बनाई थी उसके माध्यम से हम यहां पहुंचे हैं. इस एक घटना से पूरा दमोह जिला बदनाम हुआ है. मैं तो चकित रह गया कि वह गांव कुशवाहा समाज बाहुल्य है उसके बाद भी लोग सांस लेने में डर रहे हैं. हम बात कर रहे थे तो वह लोग डर रहे थे. यदि यह वीडियो बाहर नहीं आता तो ऐसा आगे भी चलता रहता.
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