Amit Shah in Nemuch CRPF Raising Day Parade: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार 17 अप्रैल को मध्य प्रदेश के नीमच में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) परेड ग्राउंड में आयोजित 'राइजिंग डे' (Raising Day Parade) समारोह में हिस्सा लिया. इस अवसर पर गृहमंत्री ने अपने संबोधन में सीआरपीएफ की वीरता, शौर्य और देश सेवा के प्रति समर्पण की प्रशंसा की. शाह ने 2001 में संसद पर हुए हमले को नाकाम करने का श्रेय भी अर्धसैनिक बल के शूरवीरों को दिया.
संसद से कश्मीर तक सुरक्षा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में सीआरपीएफ के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए कहा, "2001 में हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत संसद भवन पर हमला हुआ. इसको भी नाकाम सीआरपीएफ के जवानों ने किया. 2005 में श्री राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला हुआ, उसको भी निरस्त करने का काम सीआरपीएफ के जवानों ने किया और मंदिर को सुरक्षित रखा. भाइयों और बहनों, सबसे बड़ी कामयाबी सीआरपीएफ के इतिहास में लिखी जाएगी, वह अनेक सालों तक याद रखी जाएगी कि इस देश को नक्सलवाद से मुक्त करने में सीआरपीएफ ने बहुत बड़ा योगदान दिया है."
उन्होंने देश की सुरक्षा में बलिदान देने वाले 2,264 जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिवारों के त्याग तथा बलिदान का स्मरण किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 248 बटालियन सहित 4 जोनल मुख्यालय, 21 सेक्टर मुख्यालय, 17 रेंज और 39 प्रशासनिक रेंज में लगभग तीन लाख जवान तैनात हैं, जो हर जगह देश की शांति और सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. सीआरपीएफ को इस देश का ही नहीं, पूरी दुनिया का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल होने का गौरव हासिल है. सीआरपीएफ के जवानों ने हर मोर्चे पर कामयाबी हासिल की है. उन्होंने आगे कहा कि साल 1965 में कच्छ के रण में सरदार पोस्ट पर सीआरपीएफ के जवान सेना थे. पाकिस्तान की सेना को मुंह तोड़ जवाब दिया और इसीलिए 9 अप्रैल को शौर्य दिवस पूरा देश मनाया जाता है.
मार्च 2026 तक नक्सलवाद मुक्त भारत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया है, क्योंकि देश में नक्सलवाद लगातार सिकुड़ रहा है. मध्य प्रदेश के नीमच जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) दिवस के समारोह में हिस्सा लेते हुए अमित शाह ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के योगदान की चर्चा की.
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से मुक्त करने में सीआरपीएफ ने बहुत बड़ा योगदान दिया है. जब भी कोबरा बटालियन के जवानों के नक्सलियों की तरफ बढ़ने के समाचार मिलते हैं, तो नक्सलवादियों की रूह कांप जाती है. देश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा, यह प्रण है जो आपके ही बल पर इस देश ने तय किया है.
उन्होंने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद शांति बहाली का जिक्र किया और कहा कि सीआरपीएफ के बगैर यह संभव नहीं था कि धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर में शांति बनाए रखी जाती या हर चुनाव को बहुत अच्छे तरीके से किया जाता. कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे थे, तब बहुत सारी आशंकाएं हो रही थीं, मगर इस बात का गर्व है कि सीआरपीएफ और बाकी सुरक्षा बलों के जवानों ने इतनी सुरक्षा सुनिश्चित की थी कि एक भी बूथ को लूटने नहीं दिया. एक भी जगह गोली नहीं चलानी पड़ी. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है.
वहीं बीते 10 साल में नक्सली हिंसा में 70 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है और वह अब समाप्ति की ओर है. सीआरपीएफ ने अमरनाथ की यात्रा हो, श्री राम जानकी सुरक्षा हो, श्री कृष्ण भूमि सुरक्षा हो या कुंभ या महाकुंभ का अवसर हो, हर जगह मुस्तैदी के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज की है. कानून-व्यवस्था बनाए रखने में बहुत सामाजिक कामों में भी सीआरपीएफ ने बड़ी भूमिका निभाई.
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