Child Burnt Alive: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से आई एक हृदय विदारक खबर आंख खोलने वाली है, जहां एक परिवार के दो मासूम झोपड़ी की आग में जिंदा जलकर काल कवलित हो गए. दोनों मासूमों के साथ पीड़ित सिपाही लाल सिंह खेत में देर रात काम करने गया था. झोपड़ी में आगजनी के कारणों के पता नहीं चल सका है.
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झोपड़ी में सो रहे दो मासूम आगजनी में जिंदा खाक हो गए
हादसा प्रदेश की ऊर्जा राजधानी सिंगरौली के मोरवा थाना क्षेत्र में हुआ, जहां झोपड़ी में सो रहे दो मासूम आग लगने से जिंदा खाक हो गए. दोनों मासूम सगे भाई-बहन थे, जिनकी उम्र 1 से 3 वर्ष बताई जा रही है. हादसे के समय झोपड़ी में 10 महीने की डौली गोंड और 3 साल के बाबूलाल सो रहे थे.
आगजनी में मारे गए मासूम के पिता एक आदिवासी हैं
झोपड़ी की आग में जिंदा जलकर मारे गए दोनों मासूम के पिता मोरवा थाना क्षेत्र के ग्राम बड़गड़ गांव निवासी है. आदिवासी सिपाही लाल सिंह देर रात पत्नी और दोनों बच्चों के साथ खेत पर काम करने गए थे. बच्चों को झोपड़ी में सुलाकर सिपाही लाल सिंह पत्नी के साथ खेत में काम करने लगे और उधर झोपड़ी के सो रहे मासूम जिंदा खाक हो गए.
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आज जिला सिंगरौली की तहसील दुधमनिया के ग्राम बड़गड़ में झोपड़ी में आग लगने से सिपाही लाल सिंह के 3 वर्ष और 10 माह के मासूम पुत्र-पुत्री के असमय काल कवलित होने का समाचार अत्यंत दुखद है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 9, 2024
शोक की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। जनहानि के लिए पीड़ित परिवार को…
मुख्यमंत्री ने दिया परिजनों को आर्थिक सहायता देने का निर्देश
दर्दनाक हादसे के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने सोशल मीडिया के X प्लेटफार्म पर लिखा, सिंगरौली की तहसील दुधमनिया के ग्राम बड़गड़ में झोपड़ी में आग लगने से सिपाही लाल सिंह के 3 वर्ष और 10 माह के मासूम पुत्र-पुत्री के असमय काल कवलित होने का समाचार अत्यंत दुखद है.शोक की इस घड़ी में हम शोकाकुल परिजनों के साथ हैं.
पीड़ित परिवार को सीएम स्वेच्छानुदान मद से मिलेगा 4-4 लाख
मध्य प्रदेश सीएम डा. मोहन यादव ने आगजनी में दो बच्चों को खोने वाले पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से 4-4 लाख की सहायता राशि मुआवजा देने का ऐलान किया है और नियमानुसार अन्य कोई आर्थिक मदद प्रदान करने के निर्देश दिए हैं और बाबा महाकाल से शोकाकुल परिजनों को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान की प्रार्थना की.
झोपड़ी में कैसे लगी आग, कैसे हुआ यह हादसा?
रिपोर्ट के मुताबिक जिले के बड़गड निवासी सिपाही लाल और उनकी पत्नी खेत मे काम करने के लिए गए हुए थे, उसी दौरान खेत के खलिहान में खड़ी धान की फसल में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया., जिससे धान की फसल से सटी झोपडी ने आग पकड़ लिया और झोपड़ी में सो रहे दोनों मासूम जिंदा जल गए.
परिवार को 4-4 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा
घटना के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पीड़ित परिवार को तत्काल 10,000 रुपए की अंत्येष्टि राशि प्रदान की गई. इसके अलावा सीएम मोहन यादव द्वारा 4-4 लाख रुपए की राहत राशि पीड़ित परिवार को देने की घोषणा की गई है. घटना के बाद प्रशासन ने आग से संबंधित घटनाओं को रोकने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है.
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झोपड़ी में आगजनी के कारणों की पड़ताल में जुटी पुलिस
घटना के बाद जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया है और झोपड़ी में आगजनी के कारणों की पड़ताल में जुट गई है. झोपड़ी में आग कैसे लगी, पुलिस इसकी जांच कर रही है, क्योंकि अभी तक यह स्पष्ट नही हो पाया है कि झोपड़ी में आग कैसे लगी?
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