Latest news: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उमरिया (Umaria) जिले में स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के तहत बने शौचालय ताले के पीछे कैद है... सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर इनका निर्माण तो करवा लिया, लेकिन इनका संचालन और देखरेख पंचायत नहीं करवा पा रहीं है. हर साल कागजों में फोटो खींचकर पंचायतों को ओडीएफ घोसित करने का खेल खेला जा रहा है. हकीकत में स्थिति यह है कि जिले की तीनों विकासखंड में सामुदायिक स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए सामुदायिक शौचालय (Community Toilet) उपयोग लायक नहीं है. कई पंचायत में निस्तार के लिए पानी का इंतजाम नहीं किया गया, शोकपिट गड्ढे, बिजली, पानी टंकी जैसी बुनियादी सुविधाएं गायब है. किसी को हकीकत न पता चले, इसके लिए इन्हें ताला लगा दिया गया है.
ग्रामीणों ने बताया सच
सरकारी अधिकारियों ने जिले में सामुदायिक शौचालय बनाने के नाम पर केवल सरकारी बजट के साथ खिलवाड़ किया है. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय की बिल्डिंग बनाकर अधिकारियों ने बाहर से रंग-रोगन का काम भी कराकर उसमें ताला लगा दिया गया है, शौचालय में न तो टंकी लगाई गई और न ही लाइट लगाई गई है. ताला लगा होने से इसका उपयोग भी हम नहीं कर पा रहे हैं.
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जांच की बात कह रहे पंचायत सीईओ
प्रदेश सरकार की मंशा है कि लोगों को घर-घर शौचालय के साथ ही सार्वजनिक स्वच्छता का भी विकल्प गांव में मिले. इसलिए सरकार ने गांव के मुख्य गली मोहल्लों और हाट बाजार में निस्तार के इंतजाम करवाये हैं. लेकिन, पंचायतों ने केवल अधोसंरचनात्मक ढांचा खड़ा कर अपना पल्ला झाड़ लिया. वहीं, मामला उजागर होने पर जिला पंचायत सीईओ पंचायत में बने शौचालयों का सत्यापन कराकर जांच की बात कह रहे हैं.
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