
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने सख्त निर्देश दिए हैं और कहा है कि खाद वितरण में गड़बड़ी पर कलेक्टर जिम्मेदार होंगे. खाद वितरण व्यवस्था की सघन मॉनीटरिंग के साथ ही कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस दौरान उन्होंने बाढ़ राहत के लिए 20 करोड़ भी मंजूर किए. सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत के लिए तत्काल काम करने को कहा है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जिलों में खाद वितरण की समीक्षा करते हुए कलेक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों तक उपलब्ध खाद का सही और पारदर्शी वितरण होना चाहिए. इसके लिए जिला प्रशासन किसान संगठनों से लगातार संवाद बनाए और उन्हें वितरण व्यवस्था में भी शामिल करे.
सीएम ने साफ कहा कि अगर किसी जिले में खाद वितरण को लेकर अव्यवस्था होती है तो उसकी जिम्मेदारी सीधे जिला कलेक्टर की होगी. किसानों को जिले में खाद के स्टॉक की वास्तविक जानकारी भी नियमित रूप से दी जाए. साथ ही डबल लॉक, पैक्स और निजी विक्रय केंद्रों की औचक निरीक्षण और मॉनिटरिंग अनिवार्य होगी. जरूरत पड़ने पर तुरंत अतिरिक्त विक्रय केंद्र खोले जाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं.
बैठक में बताया गया कि खरीफ 2025 के लिए यूरिया, डीएपी, एनपीके, एसएसपी, एमओपी और अन्य उर्वरकों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. अब तक उर्वरक की कालाबाजारी और अवैध गतिविधियों पर 53 FIR दर्ज की गई हैं, 88 लाइसेंस रद्द और 406 विक्रय केंद्र प्रतिबंधित किए गए हैं.
बाढ़ और अतिवृष्टि की समीक्षा
सीएम ने प्रदेश में बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि जनहानि और पशुहानि की स्थिति में 24 घंटे के अंदर राहत पहुंचाई जाए. बाढ़ और बारिश से अब तक 394 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 5 हजार से अधिक मकान क्षतिग्रस्त और 1814 पशुहानि हुई है. बाढ़ वाले इलाकों में अस्थाई कैंप, राशन और भोजन वितरण की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. पुलिस प्रशासन को भी पुल-पुलियों पर बैरिकेडिंग और चेतावनी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
मध्य प्रदेश में औसत से 21% ज्यादा बारिश, 17,500 किसानों को राहत
बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश में 1 जून से 2 सितंबर तक औसत से 21% अधिक बारिश (971.5 मिमी) दर्ज की गई है. गुना, मंडला, श्योपुर, रायसेन और अशोकनगर में सबसे ज्यादा बारिश हुई है. अब तक 394 लोगों की मौत, 5 हजार से अधिक मकान क्षतिग्रस्त और 1814 पशुहानि दर्ज हुई है. शिवपुरी, धार, छतरपुर, रायसेन, उमरिया, कटनी समेत 12 जिलों में करीब 12 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. राज्य सरकार ने 17,500 किसानों के लिए 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की राहत राशि स्वीकृत की है.
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