
CM Rise School Raisen: एक तरह कुछ बच्चे AC क्लास में पढ़ रहे हें, तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन जिले के 1800 बच्चे ऐसे हैं, जो उस स्कूल में पढ़ रहे हैं, जहां छतें टपकती हैं, दीवारें बहती हैं और उम्मीदें हर रोज सीलन में सड़ती हैं... सीएम राइज योजना का नाम है, लेकिन जमीनी हकीकत में ये योजना ‘फ्रैक्चर' हो चुकी है. सरकारी आंकड़े और फाइलें विकास का ढोल पीटती हैं, लेकिन हकीकत की आवाज इन बच्चों की भीगी कॉपियों से उठ रही है.

सीएम राइज स्कूल की हालत बेकार
झोपड़ी जैसी हालत सीएम राइज स्कूल की
रायसेन जिला के सिलवानी सीएम राइज स्कूल का नजारा किसी गरीब के टूटे झोपड़ी जैसा लगता है. इस स्कूल की छतें टपकती रहती हैं. यहां 1800 बच्चों के सपनों पर हर दिन बारिश गिरती है और सरकार कहती है शिक्षा प्राथमिकता है!
नए भवन का काम लटका
हेलीपैड ग्राउंड में एक निजी एजेंसी को स्कूल भवन का निर्माण सौंपा गया था. दो शैक्षणिक सत्र बीत चुके हैं, लेकिन स्कूल अब भी आधा-अधूरा पड़ा है. छात्र एक ही उम्मीद में है कि जल्द से जल्द सीएम राइज स्कूल बन जाए और उसमें जल्दी से शिफ्ट हो जाए. ग्रीन नेट में चलती कक्षाएं, दीवारों से टपकती बूंदें, और फर्श पर रखी गीली कॉपियां, ये 21वीं सदी के स्मार्ट स्कूल नहीं, 19वीं सदी का सरकारी मजाक लगते हैं.

रायसेन जिले में शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई
जिला शिक्षा विभाग और डीपीसी के मुताबिक,
- कुल सरकारी स्कूल: 2074
- हाई/हायर सेकंडरी स्कूल: 185
- CM RISE स्कूल निर्माणधीन: 8
- CM RISE स्कूल स्वीकृत: 6
- जर्जर स्कूल भवन: लगभग 450 से अधिक
- CM RISE स्कूलों की मॉनिटरिंग जिला शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी
सिलवानी सीएम राइज स्कूल एक नजर में
सिलवानी के इस स्कूल में एलकेजी से 5वीं तक 125 छात्र, मिडिल स्कूल में 350 छात्र और अधूरे भवन में 1250 बच्चे पढ़ रहे हैं. कुल 1800 बच्चे एक ऐसी इमारत में भविष्य गढ़ रहे हैं, जिसकी नींव तक तैयार नहीं है. प्रवेश में भेदभाव, प्राचार्य की मनमानी, और राजनीतिक फोन कॉल — यहां योग्यता नहीं, पहचान मायने रखती है. गरीबों के लिए स्कूल का गेट बंद, नेताओं के जानकारों के लिए सीट आरक्षित है.
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अधिकारियों ने कही ये बात
सीएम राइज स्कूल की ये हालत को लेकर पीसी शाक्य, एसडीएम सिलवानी ने कहा कि क्षमता से अधिक एडमिशन हो चुके हैं. इसलिए दिक्कत आ रही है. भवन नहीं है. दूसरी तरफ, एनपी शिल्पी, प्राचार्य - CM RISE School ने कहा कि जगह की कमी है, भवन पूरा नहीं हुआ है. हम खुद परेशान हैं. हमने सारी जानकारी उच्च अधिकारियों को भेजी है.
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