International Tiger Day 29 July: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने कहा है कि चीता प्रोजेक्ट गति पकड़ रहा है. अब गांधी सागर अभयारण्य (Gandhi Sagar Sanctuary) में भी जल्दी ही चीता छोड़े जाएंगे. अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) के मौके पर राजधानी भोपाल (Bhopal) में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चर्चा करते हुए कहा कि चीता प्रोजेक्ट गति पकड़ रहा है. गांधी सागर अभयारण्य में भी चीता छोड़ने की दिशा में हम आगे बढ़ रहा है. जैसे ही भोजन का प्रबंध हो जाएगा और फेंसिंग पूरी हो जाएगी, तो बहुत जल्द गांधी सागर में चीता छोड़ा जाएगा. इसके लिए भारत सरकार के माध्यम से अफ्रीका से समझौता हुआ है.
नामीबिया से लाए गए थे चीते
राज्य के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा गया था. यह प्रयोग अब तक सफल रहा है. वर्ष 1952 में देश से चीता को विलुप्त प्रजाति घोषित किया गया था. उसके बाद उनकी आबादी को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने यह महत्वाकांक्षी योजना बनाई और इसके लिए साउथ अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को कूनो लाया गया था.
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चीतों की संख्या बढ़ाने की कोशिश हैं जारी
मध्य प्रदेश को 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट की सौगात मिली थी और नामीबिया से यहां आठ चीते लाए गए थे, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे. उसके बाद 13 चीते फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से लाए गए. अब राज्य के दूसरे हिस्से गांधी सागर में प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की कोशिश जारी है.
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गांधी सागर अभयारण्य में चीतों के भोजन के प्रबंध काफी समय से किए जा रहे हैं और यहां बीते दिनों 300 से ज्यादा चीतल को शिफ्ट किया गया है, ताकि चीता इनका आसानी से शिकार कर सके. यहां तैयारियां जारी है और इसके लिए केन्या के अफसर का एक दल भी यहां का निरीक्षण कर चुका है.