Chhindwara Syrup Case: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कोल्डड्रिफ सिरप से 22 बच्चों की मौत हो गई थी. इस दौरान इस कफ सिरप से छिंदवाड़ा के जाटाछापर गांव निवासी 5 वर्षीय कुणाल यदुवंशी भी गंभीर हुआ था.जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ का शिकार हुआ 5 साल का मासूम कुनाल मौत को मात देकर 115 दिन बाद अपने घर लौट आया है. जिस घर में पिछले तीन महीनों से सन्नाटा पसरा था, वहां बेटे के लौटते ही फिर से खुशियां लौट आई हैं.
कुनाल भी उन्हीं पीड़ितों में शामिल था, लेकिन लंबे इलाज और परिवार के हौसले ने उसे मौत के मुंह से बाहर खींच लिया. हालांकि, जिंदगी की इस जंग में कुनाल ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी है, लेकिन परिजनों के लिए उसका जिंदा लौटना ही किसी चमत्कार से कम नहीं है.
24 अगस्त को उसे सामान्य बुखार आया था. परिजन उसे स्थानीय डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास ले गए थे. वहां से मिली दवा और सिरप पीने के बाद उसकी हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती चली गई. जांच में पता चला कि जहरीले सिरप के साइड इफेक्ट से उसकी दोनों किडनियां काम करना बंद कर चुकी हैं.हालत गंभीर होने पर 30 अगस्त को उसे नागपुर रेफर किया गया.
किडनियां हुईं खराब
पिता टिक्कू यदुवंशी उसे लेकर 31 अगस्त को नागपुर पहुंचे. वहां एम्स समेत अलग-अलग अस्पतालों में उसका इलाज चला.नागपुर में इलाज के दौरान कुनाल को करीब डेढ़ महीने तक रोजाना डायलिसिस के दर्द से गुजरना पड़ा. डॉक्टरों का कहना था कि जिस तरह सिरप ने किडनियों को खराब किया था, उस स्थिति में बच्चे के बचने की उम्मीद बेहद कम थी. लेकिन डॉक्टरों की निगरानी और परिवार की दुआओं ने असर दिखाया. 115 दिन के लंबे संघर्ष के बाद सोमवार रात उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई.
आंखों का सूख गया पानी
कुनाल घर तो लौट आया है, लेकिन कफ सिरप के साइड इफेक्ट्स ने उसे लाचार बना दिया है. बीमारी के असर से कुनाल की आंखों का पानी सूख गया है, जिससे फिलहाल उसे दिखाई नहीं दे रहा है. उसे चलने-फिरने में भी परेशानी हो रही है. माता-पिता और डॉक्टरों को उम्मीद है कि जिस तरह उसने मौत को हराया है, वैसे ही वह धीरे-धीरे पूरी तरह स्वस्थ भी हो जाएगा.
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