
Chhindwara Children Death Case: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने की वजह से छह बच्चों की मौत का मामला सुर्खियों में है. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. ड्रग विभाग की जांच में सामने आया है कि यह विवादित कफ सिरप डिस्ट्रीब्यूटर कटारिया फार्मा से केवल मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में ही सप्लाई की गई थी.
ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन ने बताया कि कुल 600 बोतलों का स्टॉक मंगाया गया था. इसमें से 534 बोतलें छिंदवाड़ा के तीन स्टॉकिस्ट को भेजी गईं. वहीं, शेष स्टॉक 66 बोतलों का स्टॉक जबलपुर भेजा गया है. जबलपुर के कटारिया फार्मा पर छापामार कार्रवाई में 16 बोतलें सैंपल के रूप में जप्त और 50 बोतलें फ्रिज की गई हैं.
एनडीटीवी एमपी-छत्तीसगढ़ की पड़ताल में यह सामने आया है कि कटारिया फार्मा ने मध्य प्रदेश के अन्य किसी जिले में यह दवा सप्लाई नहीं की. अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि छिंदवाड़ा के तीनों स्टॉकिस्ट ने यह सिरप किन-किन मेडिकल दुकानों पर सप्लाई किया था? जांच एजेंसियां जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा करेंगी ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके और भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकी जा सके.
बच्चों की मौत की वजह
बता दें, छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड (Chhindwara Cough Syrup) में स्वास्थ्य विभाग मध्य प्रदेश की अब तक की जांच में सामने आया है कि बच्चों के किडनी सैंपल में डायएथिलीन ग्लाइकोल दूषित पाया गया है, जिसे बच्चों की किडनी फेल होने की वजह माना जा रहा है.
13 दवाइयों को संदिग्ध माना

छिंदवाड़ा में छह बच्चों की मौत के अलावा, पांच-छह बच्चे नागपुर और छिंदवाड़ा के अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने बच्चों के घरों पर मिले पर्चों के आधार पर दवाइयों के सैंपल लिए हैं और 13 दवाइयों को संदिग्ध मानते हुए जांच के लिए भेजा है. छिंदवाड़ा जिला कलेक्टर ने दो कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है, जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में इनकी बिक्री जारी है. उधर, छिंदवाड़ा सीएमएचओ को पूरे मामले की पुख्ता मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें- क्या इस कफ सिरप से बच्चों की किडनी हो रही फेल, कहीं आपके बच्चे भी तो नहीं पी रहे हैं जानलेवा सिरप!