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'सपनों' में मस्त मास्साब और खर्राटों का लेक्चर! ये कक्षा है या नींद की प्रयोगशाला ?

सतना जिले के मझगवां विकासखंड अंतर्गत पगार खुर्द के बंदरहा टोला स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर ग्रामीण बता रहे हैं कि ये कक्षा नहीं 'नींद की प्रयोगशाला' है. दरअसल मामला ही कुछ ऐसा है,

'सपनों' में मस्त मास्साब और खर्राटों का लेक्चर! ये कक्षा है या नींद की प्रयोगशाला ?

Satna Government school News: सतना जिले के मझगवां विकासखंड अंतर्गत पगार खुर्द के बंदरहा टोला स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर ग्रामीण बता रहे हैं कि ये कक्षा नहीं 'नींद की प्रयोगशाला' है. दरअसल मामला ही कुछ ऐसा है, यहां स्कूल है, बच्चे हैं, क्लासरूम है, ब्लैकबोर्ड है, किताबें हैं और इन सबके बीच गुरुत्वाकर्षण की नींद में डूबे बैठे हैं गुरुजी अशोक माली. वीडियो में साफ दिख रहा है- जहां बच्चों की आंखों में भविष्य की रोशनी जगनी चाहिए थी, वहां गुरुजी के खर्राटों की गूंज सुनाई दे रही है.

क्लास में आते ही नींद जकड़ लेती है !

शिक्षक अशोक माली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ वायरल हो रहा है. गांववालों का कहना है कि ये कोई पहली बार नहीं, साहब तो अक्सर स्कूल को अपना दोपहर का विश्रामगृह बना देते हैं. गुरुजी का तो यह रोज़ का रुटीन है. स्कूल की घंटी चाहे बच्चों के लिए बजे या न बजे, लेकिन गुरुजी की नींद की घंटी पक्का बजती है. बच्चे पढ़ाई करने आते हैं और उन्हें मिलता है ‘खर्राटों का लेक्चर'. अब सवाल यह है कि जब पढ़ाने वाला ही नींद में डूबा हो, तो बच्चों का भविष्य कैसे जागेगा? अभिभावक पूछ रहे हैं- “गुरुजी स्कूल में पढ़ाने आते हैं या ‘सोने की कला' का लाइव प्रदर्शन करने?” 

विभाग पर उठे ये गंभीर सवाल

वीडियो वायरल होने के बाद अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा है. अभिभावकों का कहना है कि बच्चे कई बार शिकायत करते हैं लेकिन शिक्षा विभाग ऐसे मामलों में अक्सर चुप्पी साध लेता है, जिससे लापरवाह शिक्षकों का हौसला और बढ़ता है. गांववाले तंज कस रहे हैं- “लगता है मास्टर साहब ने ‘आराम ही शिक्षा है' का नया पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है.” गुस्साए ग्रामीणों का मानना है कि शिक्षा विभाग में बैठे बड़े अफसरों की नींद भी किसी योगी की गहरी ध्यान साधना जैसी है. अक्सर ऐसे वीडियो वायरल होते हैं, लेकिन कार्रवाई का नाम तक नहीं. मानो विभाग ने अनौपचारिक आदेश दे रखा हो- “आराम हर शिक्षक का मौलिक अधिकार है.अब सबसे बड़ा सवाल यही है- क्या इस वायरल वीडियो के बाद विभाग नींद से जागेगा, या फिर यह मामला भी ‘सपनों में सुलझा लिया जाएगा'?

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