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Cabinet Decisions: मिशन वात्सल्य की ये योजना जारी रहेगी; इन नियमों में हुआ बदलाव, जानिए मोहन कैबिनेट के फैसले

Cabinet Decisions MP: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद ने कई अहम निर्णय लिए. प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में संशोधन की स्वीकृति हुई. मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत गैर संस्थागत सेवा योजना को आगामी 5 वर्षों तक संचालित करने की स्वीकृति दी गई. वहीं प्रदेश के 13 जिलों के आयुष चिकित्सालयों में 373 नवीन पदों की स्वीकृति मिली है. आइए जानते हैं मोहन कैबिनेट के प्रमुख निर्णय.

Cabinet Decisions: मिशन वात्सल्य की ये योजना जारी रहेगी; इन नियमों में हुआ बदलाव, जानिए मोहन कैबिनेट के फैसले
Cabinet Decisions: मिशन वात्सल्य जारी की ये योजना रहेगी; इन नियमों में हुआ बदलाव, जानिए मोहन कैबिनेट के फैसले

MP Cabinet Decisions CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में हुई. मंत्रि-परिषद द्वारा प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सिंचाई के लिये सोलर पम्प स्थापना की योजना में संशोधन की स्वीकृति प्रदान की गयी है. संशोधन अनुसार कृषकों को स्वीकृत सोलर पम्प स्थापना क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का विकल्प प्रदाय किया जायेगा. अब 3 एचपी के अस्थाई विद्युत कनेक्शनधारियों को 5 एचपी और 5 एचपी के अस्थाई विद्युत कनेक्शनधारियों को 7.5 एचपी का सोलर पंप प्रदाय करने का विकल्प दिया जाएगा. योजना के प्रथम चरण में अस्थायी विद्युत कनेक्शन संयोजन वाले किसानों अथवा अविद्युतीकृत किसानों को सोलर पम्प का लाभ दिया जाएगा. योजना अनुसार 7.5 एचपी क्षमता तक का सोलर पम्प पम्प लगाने के लिए अस्थाई विद्युत कनेक्शन धारी कृषक का अंश 10% रहेगा. शासन द्वारा 90% की सब्सिडी दी जाएगी.

क्या है पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना?

भारत सरकार की कुसुम-ब योजना को प्रदेश में "प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना" नाम से 24 जनवरी 2025 से लागू किया गया है. इसका क्रियान्वयन राज्य में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा किया जा रहा है. इस निर्णय से सोलर पंप की स्थापना से विद्युत पंपों को विद्युत प्रदाय के लिए राज्य सरकार पर अनुदान के भार को सीमित किया जा सकेगा एवं विद्युत वितरण कम्पनियों की वितरण हानियों को कम किया जा सकेगा.

मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत गैर संस्थागत सेवा योजना संचालित करने की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत गैर संस्थागत सेवा योजना यथा स्पॉन्सरशिप, फॉस्टर केयर, आफ्टर केयर को आगामी 5 वर्षों तक प्रदेश के समस्त जिलों में संचालित करने की स्वीकृति दी गयी है. योजना के तहत पात्र बच्चे को 4 हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जायगी. इसके साथ ही 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले बच्चों को ऑफटर केयर के माध्यम से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जायेगा.

    मिशन वात्सल्य योजना क्रियान्वयन के लिए कुल 1,022 करोड़ 40 लाख रुपये का व्यय होगा. इसमें राज्यांश 408 करोड़ 96 लाख रुपये और केंद्रांश 613 करोड़ 44 लाख रुपये होगा. इससे प्रदेश के 33 हजार 346 बच्चे लाभान्वित होंगे. यदि योजना अन्तर्गत निर्धारित स्वीकृत अवधि में भारत सरकार द्वारा योजना मापदण्डों में कोई परिवर्तन किए जाते है तो उक्त अवधि में परिवर्तित मापदण्ड प्रभावशील होंगे.

इस योजना के तहत विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त माता के बच्चे, अनाथ एवं विस्तारित परिवार के साथ निवासरत बच्चे, असाध्य बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, बच्चे की शारीरिक और आर्थिक रूप से देखभाल करने में असमर्थ माता पिता के बच्चे, किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार देख रेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे (बेघर, प्राकृतिक आपदा से पीड़ित, बाल श्रमिक, बाल वेश्यावृति के शिकार, एड्स पीड़ित, बाल भिक्षुक, सड़क पर रहने वाले, घर से भागे, निर्योग्यत वाले, लापता, शोषण और दुर्व्यवहार के शिकार श्रेणी के बच्चे) लाभान्वित होंगे.

आयुष चिकित्सालयों में 373 नवीन पदों की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के 12 जिलों भोपाल, इन्दौर, नरसिंहपुर, मण्डलेश्वर (खरगौन), बालाघाट, गुना, भिण्ड, सीहोर, अमरकंटक (अनूपपुर), पन्ना, श्योपुर एवं शुजालपुर (शाजापुर) में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सलयों एवं बड़वानी जिले में 30 बिस्तरीय चिकित्सालय के संचालन के लिए 373 पद एवं 806 मानव संसाधन सेवाएं ऑन कॉल की स्वीकृति प्रदान की गई है. स्वीकृत नवीन पदों में प्रथम श्रेणी के 52 पद, द्वितीय श्रेणी के 91 और तृतीय श्रेणी के 230 पद शामिल है. नियमित पदों पर वार्षिक वित्तीय भार 25 करोड़ 57 लाख रूपये आयेगा. इसके साथ ही स्वीकृत मानव संसाधन सेवाओं मे द्वितीय श्रेणी के 91, तृतीय श्रेणी के 117 और चतुर्थ श्रेणी के 598 पद शामिल है. मानव सेवाओं का प्रबंधन भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन से किया जायेगा.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् में भर्ती के लिए सेवा शर्ते एवं नियम

मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के वैज्ञानिकों/अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें नियम 2025 का अनुमोदन प्रदान किया गया. विज्ञान, तकनीकी, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में वर्तमान समय में हो रहे अनुप्रयोगों के दृष्टिगत् प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् की गतिविधियों में सुदूर संवेदन उपयोग केन्द्र, ग्रामीण प्रौद्योगिकी उपयोग केन्द्र, मौसम परिवर्तन अनुसंधान केन्द्र, अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान केन्द्र एवं उन्नत शोध एवं उपकरण सुविधा केन्द्र कार्यरत् है, के लिए उत्कृष्ट वैज्ञानिकों की आवश्यकता बनी रहती है.

निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में गैर वैज्ञानिक संवर्ग के लिए, सेवा संरचना एवं भर्ती नियमों को अंगीकृत किया गया है. वैज्ञानिक संवर्ग के लिए चूंकि केडर का प्रावधान नहीं होने एवं वैज्ञानिक संवर्ग के पदों को भविष्य में होने वाले वैज्ञानिक, तकनीकी, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों के हुए मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में वैज्ञानिक संवर्ग के केडर का उन्नयन किया जायेगा. इससे वैज्ञानिक अनुसंधान एवं नवाचार के लिए योग्य वैज्ञानिकों की सेवाएं प्रदेश को प्राप्त हो सकेगी. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 11 मई, 2015 द्वारा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में नवीन पदों की भर्ती पर लगाई गई रोक हटाये जाने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश में वैज्ञानिक एवं तकनीकी क्षेत्र में वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् नोडल एजेन्सी के रूप में कार्यरत है.

वहीं मंत्रि-परिषद द्वारा मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को पुनरीक्षित वेतनमान (सातवां वेतनमान) का वास्तविक लाभ लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के संवर्ग के समान 1 जनवरी 2016 से प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है. शासन के समस्त विभागों में पुनरीक्षित वेतनमान (सातवां वेतनमान) का वास्तविक लाभ 1 जनवरी 2016 से प्रदान किया गया है. उसी अनुक्रम में मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को भी लाभ दिए जाने का निर्णय लिया गया है. लाभ दिये जाने पर एरियर राशि का अनुमानित वित्तीय भार 93 लाख रुपये आएगा.

प्रदेश में क्रियान्वित सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड योजना में संशोधन किये जाने की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में क्रियान्वित सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईबी) योजना में संशोधन किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है. स्वीकृति अनुसार आयुक्त, संस्थागत वित्त को राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति का सदस्य सचिव के रूप में नामित किया गया है. योजनान्तर्गत 100 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान सामाजिक न्याय विभाग के स्थान पर वित्त विभाग के बीसीओ, आयुक्त संस्थागत वित्त में किया गया है. साथ ही तकनीकी एजेंसी के चयन के लिए परियोजना क्रियान्वयन विभाग को अधिकृत किया गया है. योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक विभाग वित्त विभाग को बनाया गया है.

नव गठित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आगर-मालवा के लिए नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार नवगठित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगर-मालवा के लिये कुल 9 नवीन पदों का सृजन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी. इसमें सचिव का 1 पद, जिला विधिक सहायता अधिकारी का 1 पद, सहायक ग्रेड-2 का 1 पद, सहायक ग्रेड-3 के 2 पद, आदेश तामीलकर्ता के 2 पद और भृत्य के 2 पद स्वीकृत किये गए है. इन पदों पर वार्षिक वित्तीय भार 59 लाख 42 हजार रूपये आयेगा. मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे मातरम गायन के साथ शुरू हुई.

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