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बुरहानपुर के खामनी में तैयार हुआ हू ब हू मां वैष्णोदेवी का दरबार, 650 फीट लंबी गुफा में देगा कटरा जैसा एहसास

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित खामनी गांव इस शारदीय नवरात्रि के मौके पर श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय केंद्र बन गया है. यहां ग्रामीणों ने मां वैष्णोदेवी का एक भव्य और अस्थायी दरबार सजाया गया है. इस दरबार का मुख्य आकर्षण 650 फीट लंबी कृत्रिम गुफा है जो आपको वैष्णो देवी की यात्रा का एहसास दिलाती है. यह गुफा चार हिस्सों में तैयार की गई है और पूरी तरह से प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनाई गई है .

बुरहानपुर के खामनी में तैयार हुआ हू ब हू मां वैष्णोदेवी का दरबार, 650 फीट लंबी गुफा में देगा कटरा जैसा एहसास

Burhanpur  Vaishno Devi Darbar: बुरहानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित खामनी गांव इस शारदीय नवरात्रि के मौके पर श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय केंद्र बन गया है. यहां ग्रामीणों ने मां वैष्णोदेवी का एक भव्य और अस्थायी दरबार सजाया गया है. इस दरबार का मुख्य आकर्षण 650 फीट लंबी कृत्रिम गुफा है जो आपको वैष्णो देवी की यात्रा का एहसास दिलाती है. यह गुफा चार हिस्सों में तैयार की गई है और पूरी तरह से प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनाई गई है . 

650 फीट की प्लास्टर ऑफ पेरिस गुफा

इस दरबार का मुख्य आकर्षण 650 फीट लंबी कृत्रिम गुफा है. आयोजकों के अनुसार, इस पूरे निर्माण में लगभग 50 लाख रूपए खर्च किए गए हैं. 6 महीने से चल रहे इस चुनौतीपूर्ण निर्माण कार्य में 15 टन लोहा और 2000 बोरी पीओपी का इस्तेमाल हुआ है.ग्रामीणों की अटूट आस्था का प्रमाण यह है कि गुफा का मार्ग पूरा करने के लिए उन्होंने अपने घरों की छतों की बाउंड्रीवॉल तक तोड़ दीं. 

650 फीट लंबी इस गुफा का भ्रमण करने पर आपको मां वैष्णो देवी के दरबार में जाने जैसा एहसास होगा.

650 फीट लंबी इस गुफा का भ्रमण करने पर आपको मां वैष्णो देवी के दरबार में जाने जैसा एहसास होगा.

वैष्णोदेवी जैसी पवित्र अनुभूति का ट्रैक

दर्शनार्थियों के लिए इस गांव को वैष्णोदेवी दर्शन स्थल जैसे स्वरुप में बदल दिया गया है. भक्तों को गांव के भीतर 3 किलोमीटर का ट्रैक पैदल तय करना होगा. इस ट्रैक में एक-एक किलोमीटर की तीन मुख्य गुफाएं सहित कुल पांच गुफाएं बनाई गई हैं जो श्रद्धालुओं को वैष्णोदेवी धाम में होने की अनुभूति देंगी. इस पवित्र यात्रा के दौरान भक्तों को बाण गंगा, चरण पादुका, अर्धकुंवारी मां वैष्णोदेवी और भैरव बाबा के दर्शन होंगे

सामूहिक श्रमशक्ति और हरित पहल

आयोजक किशोर पाटिल ने बताया कि इस धार्मिक और भव्य आयोजन को बिना किसी सरकारी सहायता के गांव वालों ने सामूहिक रूप से  बनाया है. ये एक बेहतरीन उदाहरण है कि सामूहिक एकजुटता से सभी काम संभव हैं. यात्रा के दौरान वातावरण को आध्यात्मिक और सुगंधित बनाए रखने के लिए एक विशेष हरित पहल की गई है. जिसमें 5,000 गुलाब के पौधे और 18,000 झेंडू के पौधे लगाए गए हैं. 

15 दिवसीय दर्शन और सुरक्षा व्यवस्था

22 सितंबर से शुरू होकर यह माँ वैष्णोदेवी का दरबार 15 दिनों तक भक्तों के लिए खुला रहेगा.जहां प्रतिदिन विशेष अनुष्ठान और पूजन कार्य संपन्न होंगे. आयोजन समिति ने उम्मीद जताई है कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात सहित अन्य राज्यों से लगभग 5 लाख भक्त यहां दर्शन के लिए पहुंचेंगे. भक्तों की सहायता और सुचारु दर्शन के लिए पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन के साथ-साथ गाँव के 700 सेवादार भी तैनात रहेंगे.

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