
Buffalo stolen for shelter in Chambal: दस्यु समस्या के लिए कुख्यात रहे चंबल के बीहड़ अब भैंस चोरी के लिए कुख्यात हो रहे हैं. पहले डकैत फिरौती के लिए लोगों का अपहरण करते थे, वहीं अब फिरौती के लिए पशुओं की चोरी की जा रही है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है मुरैना जिले के सुमावली थाना क्षेत्रान्तर्गत घुरैया बसई से. यहां एक पशुपालक के खिरकाई से 10 भैसों की चोरी कर ली गई और फिर इसके बदले फिरौती की मांग की जा रही है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘पनिहाई' कहा जाता है.
इतना ही नहीं पशुपालक द्वारा दी गई पनिहाई के बाद भी चोरों ने चोरी का आधा माल ही वापस किया, जबकि शेष माल के लिए फिर पनिहाई की मांग की जा रही है. पशुपालक अपने दुधारू पशुओं को सुरक्षित रखने के साथ-साथ स्वयं की सुरक्षा के लिए जंगल की खिरकाई और गांव का घर भी छोड़कर दूसरे गांव में रहने को मजबूर है. हालांकि पुलिस पशुपालक के चोरी हो गए दुधारू पशुओं की तलाश का भरोसा दे रही है.
10 भैंसों की खिरकाई से चोरी
दरअसल, मुरैना जिले के सुमावली थाना क्षेत्रान्तर्गत घुरैया बसई निवासी बाबू सिंह गुर्जर के पुत्र छारी गांव के जंगल में खिरकाई बनाकर 50 से अधिक दुधारू भैंस को पालन कर दूध का व्यवसाय कर रहे थे, लेकिन 24 दिसंबर, 2023 की रात 4 अज्ञात चोर 10 भैंसों को खिरकाई से चोरी कर फरार हो गए.
वहीं इस घटना की शिकायत दिनेश गुर्जर ने सुमावली थाने में दर्ज कराई. जांच के बाद सुमावली थाना पुलिस ने 7 अप्रैल 2024 को अज्ञात चोरों के किलाफ भैंस चोरी करने का मामला दर्ज किया गया.
पनहाई के लिए भैंस चुराई
पुलिस की तलाश के दौरान दुधारू पशु न मिलने पर पशुपालक और उसके परिवार ने संदेहियों से चर्चा की, जिसके बाद सभी 10 दुधारू पशुओं को वापस करने के लिए दो लाख रुपये की राशि मांग की गई. जिसके बाद पशुपालक ने तय राशि 2 लाख रुपये संदेहियों को दे दिए, लेकिन इसके बावजूद उसे मात्र 5 भैंस ही वापस मिलीं.
पुलिस ने 5 भैंस को जब्त करने के बाद 27 जून 2024 को न्यायालय मे पेश किया गया, जहां कोर्ट ने पशुपालक को दुधारू पशु सौंप दिए गये. वहीं शेष पांच दुधारू भैंस के लिए पीड़ित पशु पालक लगातार संघर्ष कर रहा है. पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक कई बार गुहार लगा चुका है, इसके बावजूद दुधारू भैंसों का कोई सुराग नहीं लगा.
भैंस लौटाने के बदले आरोपी मांग रहे पनहाई
हालांकि संदेही शेष दुधारू पशुओं के लिए 2 लाख रूपये की राशि का दबाव बना रहा है. पुलिस संदेहियों को गिरफ्तार भी नहीं कर रही और न ही उनसे पूछताछ कर रही है, जबकि पीड़ित पशुपालक ने संदेहियों के नाम भी पुलिस के सामने उजागर कर दिए हैं.
घर छोड़कर दूसरे गांव में रहने को मजबूर पशुपालक
वहीं पीड़ित दिनेश गुर्जर के बड़े भाई करतार सिंह गुर्जर ने बताया कि हम अपना मूल घर घुरैया बसई छोड़कर माता बसैया गांव में आकर रह रहे हैं. यहीं पर पशुओं के सहारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं. पुलिस और प्रशासन को कई बार गुहार लगाई है, लेकिन कोई निष्कर्ष निकलकर नहीं आया. जिससे हर समय डर लगा रहता है कि कहीं और पशुओं को चोर चोरी ना कर ले जाए.
मुरैना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अरविंद ठाकुर ने बताया कि पुलिस पशुओं को तलाशने का काम कर रही है. सूचना मिलने पर संबंधित स्थान पर दबिश भी दी जा रही है.