
एक मीडिया चैनल के ताजा सर्वे में सामने आया है कि पिछले दो महीनों में प्रदेश के मतदाताओं का भरोसा भी भाजपा के प्रति बढ़ता दिख रहा है.दो महीने पहले तक के सर्वे इस बात को दर्शा रहे थे कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बना सकती है लेकिन पिछले दो महीनों में अलग-अलग सर्वे भाजपा की फिर से सरकार बनने का इशारा कर रहे हैं. अब एक चैनल के सर्वे में सामने आया है कि शिवराज अब भी सबसे पसंदीदा चेहरा हैं. सबसे दिलचस्प बात ये है कि समाज के एकाध वर्ग को छोड़कर सभी वर्गों का समर्थन भी भाजपा के पक्ष में दिख रहा है.बात एंटी इंकम्बैंसी की करते हैं तो इसमें लोगों को मुख्यमंत्री से शिकायत ज्यादा नहीं है. सर्वाधिक शिकायत विधायकों और अफसरों से जुड़ी है. ऐसे में यदि आज मतदान हो तो भाजपा 125 के लगभग सीट जीत सकती है. चैनल के सर्वे के मुताबिक आज चुनाव होने पर भाजपा को 48 फीसदी और कांग्रेस को 43 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.
दिल्ली स्थित इस नेशनल चैनल के ताज़ा सर्वे में भाजपा को 115 से 122 सीट मिलती दिख रही है. कांग्रेस को 105 से 115 यानी बहुमत से कम. चैनल के जुलाई माह में किये गए सर्वे और इस सर्वे की यदि तुलना करें तो पिछले दो महीने में भाजपा के पक्ष में दस से 15 सीटें बढ़ती हुई दिख रही है. इतनी ही सीटों पर कांग्रेस को नुकसान हो रहा है.राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दो महीने पुराने सर्वे का कोई मतलब नहीं है.अब चुनाव सामने हैं, इस वक्त जनता का जो मिजाज दिख रहा है वही असली है.
लाड़ली बहना बनी गेमचेंजर, महिलाओं का भाजपा पर भरोसा बढ़ा
तमाम सर्वे ये साफ़ बता रहे हैं कि लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर साबित हो रही है. पिछले दो महीने में भाजपा के पक्ष में माहौल के पीछे इसकी बड़ी भूमिका है. वैसे महिला मतदाताओं का वोट पहले से ही भाजपा के पक्ष में रहा है. लाड़ली बहना के बाद मामाजी के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है. जानकारों के मुताबिक महिला और युवा मतदाताओं को ये लगता है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर शिवराज सरकार की योजनाएं बंद कर देगी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सभाओं में ये बात कह चुके हैं कि कांग्रेस पर भरोसा मत करना.
कांग्रेस किसी को प्रिय नहीं
चैनल के सर्वे ने अलग-अलग जातियों और वर्गों के आधार पर भी सर्वे किया.जिसके मुताबिक कांग्रेस को किसी भी वर्ग में बढ़त नहीं दिखाई दे रही है. ये आश्चर्यजनक है.अगड़ी जातियों के सर्वाधिक 52 फीसदी वोट भाजपा के पक्ष में हैं. जबकि कांग्रेस को सिर्फ 35 फीसदी का समर्थन. आदिवासी भी कांग्रेस के बजाय भाजपा के पक्ष में दिख रहे है.यही ट्रेंड पिछड़ा वर्ग और अन्य के साथ हैं.