
Teen Girl Ran Away to Marry Boyfriend: बिहार की रहने वाली नाबालिग लड़की को खंडवा जिले के एक युवक से प्यार हो गया. लड़का सोशल मीडिया पर गाना गाने का शौकीन था, जिससे उसकी पहले से दोस्ती थी. इसी बीच बोर्ड कक्षा का रिजल्ट आ गया, जिसमें नाबालिग लड़की के कम नंबर आए. इस पर पिता ने उसे डांट दिया. इस बात से नाराज होकर वह ट्रेन में बैठकर सैकड़ों किलोमीटर दूर प्रेमी के घर निकल गई और शादी करने की बात कही. बता दें कि घटना पांच दिन पहले की है.
ये है पूरा मामला
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा के अनुसार, यह मामला बिहार की रहने वाली नाबालिग लड़की का है. उसका 10वीं की परीक्षा का रिजल्ट आया था, जिसमें उसके 40 प्रतिशत नंबर आए. हालांकि लड़की ने पिछले साल भी हाईस्कूल (कक्षा-10) के एग्जाम दिए थे, लेकिन फेल हो गई थी. इस बार जब उसको नंबर कम मिले तो पिता ने डांट लगा दी और कहा कि अब उसकी शादी करवा देंगे.
फिर सुबह-सुबह छोड़ा घर
बस इसी बात से नाराज होकर नाबालिग ने अपने सोशल मीडिया वाले प्रेमी से शादी की ठानी. वह 4 अप्रैल को सुबह घर छोड़कर चली गई. उसे बिहार से सीधे इंदौर की ट्रेन नहीं मिली तो खंडवा वाली ट्रेन में बैठ गई, जहां से वह इंदौर चली जाती. उसने ट्रेन में बैठकर प्रेमी से कहा कि वह शादी करने इंदौर आ रही है. प्रेमी ने उसे मना भी किया, फिर भी वह अपने घर से निकल कर ट्रेन में बैठकर घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर खंडवा पहुंच गई. यहां उसका प्रेमी अपने बड़े भाई के साथ पहुंचा.
भाई के साथ पहुंचा था प्रेमी
प्रेमी के भाई ने मामले को गंभीरता से लिया. प्रेमी के भाई ने जब देखा कि लड़की नाबालिग है तो उसने उसे घर वापस जाने की बात कही, लेकिन लड़की नहीं मानी और साफ कह दिया कि अब वह वापस नहीं जाएगी.
लड़की को कोतवाली लेकर पहुंचे दोनों
इसके बाद प्रेमी और उसका भाई लड़की को लेकर खंडवा कोतवाली थाने पहुंचे, जहां पुलिस को पूरी बात बताई. इसके बाद लड़की को पुलिस के सुपुर्द कर इंदौर चले गए. पुलिस ने लड़की को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया. इसके बाद समिति ने उसकी काउंसलिंग कराई और पूरी कहाई बताई. अब नाबालिग को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है.
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परिजनों को दी सलाह
प्रवीण शर्मा के अनुसार, छह अप्रैल को छात्रा का मेडिकल करवाकर काउंसिलिंग की गई. छात्रा ने बिहार जाने से मना कर दिया. दोबारा काउंसिलिंग में उसकी मां से फोन पर बात कराई. मां ने समझाया और कुछ समिति की महिला सदस्यों ने समझाया, तब जाकर नाबालिग मानी. उसके परिजन खंडवा आए तो बाल कल्याण समिति ने नाबालिग लड़की को उन्हें सौप कर उन्हें भी समझाया कि पढ़ाई को लेकर बच्चों पर ज्यादा दबाव ना डालें.
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