
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आवंटित 252 मेगावाट विद्युत क्रय अनुबंध पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी (एमपीपीसीएल) और एनएचपीसी के मध्य हस्ताक्षर हुए और एमओयू का आदान-प्रदान किया गया.
अनुबंध के आधार पर एनएचपीसी की अरुणाचल प्रदेश के लोअर दि बांग वैली जिले में स्थित बहुउद्देशीय जल विद्युत परियोजना से मध्य प्रदेश को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आवंटित 252 मेगावाट विद्युत मिलेगी. विद्युत क्रय अनुबंध (पीपीए) पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक राकेश ठुकराल और एनएचपीसी के महाप्रबंधक ओंकार यादव ने हस्ताक्षर किए.
आज भोपाल निवास स्थित समत्व भवन में "NHPC" एवं "MPPMCL" के बीच पावर पर्चेज़ एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर किये गए।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 27, 2025
अरुणाचल प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के बीच समन्वय एवं सामूहिक प्रयासों का प्रतीक यह कदम निश्चित ही प्रदेश में हरित व नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने में सार्थक सिद्ध… pic.twitter.com/8NvAWYYpNi
कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत निरंतर बढ़ रही
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अनुबंध को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भविष्य की मांग को देखते हुए पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के अलावा विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से भी विद्युत क्रय अनुबंध आवश्यक हैं. मध्यप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है. मध्यप्रदेश में घरेलू और औद्योगिक आवश्यकताओं के साथ ही कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत निरंतर बढ़ रही है. ऐसे में भविष्य की जरूरत का आकलन भी किया जा रहा. इस नाते आने वाले वर्षों में विद्युत की मांग में वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए अरुणाचल प्रदेश से विद्युत क्रय करने का निर्णय लिया गया.
लगातार बढ़ती विद्युत मांग
मध्यप्रदेश मेंऔद्योगिक एवं कृषि क्षेत्रों में विद्युत खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. वर्तमान विद्युत मांग में वृद्धि के दृष्टिगत यह आकलन किया जा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक मांग 20,000 मेगावाट हो सकती है. इस मांग में आने वाले वर्षों में लगातार बढ़ोत्तरी भी होगी.
कहां स्थित है बहुउद्देशीय जल विद्युत परियोजना
अरुणाचल प्रदेश में डिवांग नदी पर एक बड़ी बहुउद्देश्यीय जलविद्युत परियोजना विकसित की जा रही है. इस परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसके वित्तीय वर्ष 2031-32 तक पूर्ण होकर चालू होने की संभावना है.
अनुबंध से मध्यप्रदेश को मिलेगा लाभ
इस परियोजना से प्राप्त विद्युत रबी के महीनों में अधिकतम मांग की अवधि के दौरान 3 घंटे से अधिक और शेष समय में लगभग 9 से 19 घंटे तक की मांग को पूरा करने में सहायता करेगी.
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