Bhopal Gas Tragedy: हाई कोर्ट ने दी एसीएस सुलेमान सहित अन्य लोगों को राहत, अवमानना संबंधी आदेश हुआ रिकॉल

Bhopal Gas Tragedy Case: हाई कोर्ट ने 2015 में दायर की गई अवमानना याचिका को रिकॉल करने के आदेश दिए. इस मामले से जुड़े मो. सुलेमान सहित अन्य लोगों को कोर्ट ने राहत दी है.

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हाई कोर्ट ने सुनाया भोपाल गैस कांड से जुड़ा फैसला

Jabalpur High Court: 1984 में हुए भोपाल गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले से जुड़े अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) मोहम्मद सुलेमान सहित अन्य को राहत दी है. मो. सुलेमान सहित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के अमर कुमार सिन्हा और विजय कुमार विश्वकर्मा को अवमानना (Contempt) का दोषी करार दिया गया था. इसके साथ ही अन्य अनावेदकों के खिलाफ कोर्ट ने पहले अवमानना की कार्यवाही के निर्देश दिए थे. वहीं, सरकार की ओर से उक्त आदेश वापस लेने के लिए आवेदन पेश किया गया था. जस्टिस शील नागू और जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार के आवेदन को स्वीकार किया और पूर्व में जारी आदेश को रिकॉल करने के निर्देश दिए.

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की याचिका पर हुई थी सुनवाई

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार और पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे. इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किए गए थे.

2015 में दायर की गई थी अवमानना याचिका

कोर्ट में याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का पालन नहीं किए जाने के खिलाफ उक्त अवमानना याचिका 2015 में दायर की गई थी. युगलपीठ ने उक्त तीनों अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराया था. इसके अलावा अन्य अनावेदकों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही के संबंध में रजिस्ट्री को आदेश जारी किए गए थे.

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सरकार ने की थी आदेश वापसी की आग्रह

सरकार की ओर से उक्त आदेश वापस लेने का आग्रह करते हुए हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया गया था. इसमें कहा गया था कि न्यायालय के आदेश का परिपालन करने के पूरे प्रयास किए जा रहे है. युगल पीठ ने सुनवाई के बाद आवेदन पर फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए थे. अब युगलपीठ ने जारी आदेश में सरकार के आवेदन को स्वीकार करते हुए अवमानना के लिए दोषी ठहराए जाने वाले आदेश को रिकॉल करने के निर्देश जारी किए है.

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