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सरकारी खजाने में सेंध मारने के आरोप में BEO को 7 साल की सजा, कोर्ट ने 55 हजार का जुर्माना भी लगाया

Singrauli News: रामदास साकेत साल 2015 में शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल रजमिलान में प्राचार्य  के पद पर था, तब उसने स्कूल के सरकारी खजाने में सेंध लगा दिया था. 3 माह के दौरान आरोपी रामदास साकेत ने स्कूल के खजाने से 4,94,300 रुपये आहरित कर घोटाले को अंजाम दिया था.

सरकारी खजाने में सेंध मारने के आरोप में BEO को 7 साल की सजा, कोर्ट ने 55 हजार का जुर्माना भी लगाया

MP News in Hindi: सिंगरौली की जिला अदालत ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामदास साकेत को दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को शिक्षा के मंदिर यानी सरकारी स्कूल के खजाने से राशि गमन करने के मामले में फैसला सुनाया है. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश वारींद्र तिवारी ने बहुचर्चित शिक्षा विभाग घोटाला मामले में रामदास साकेत को दोषी करार दिया. साथ ही ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को 7 साल की सजा सुनाई है. 

क्या है मामला

एडवोकेट त्रिपुरारी नाथ पाण्डेय ने बताया कि माड़ा थाना में वर्ष 2015 में आरोपी रामदास साकेत के खिलाफ IPC की धारा 420 और 409  के तहत मामला दर्ज किया गया था. विवेचना के मुताबिक, आरोपी रामदास साकेत ने 1 मार्च 2015 से 25 जून 2015 की अवधि में कुल सरकारी राशि 4,94,300 रुपये निकालकर इसका उपयोग किया, जिसका कोई  कैशबुक, लेजर, बाउचर का संधारण नहीं किया गया और न ही किसी तरह के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए.

55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया

वहीं वितीय घोटाला उजागर होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 9 सालों तक न्यायालय में चल रहे मुकदमे की सुनवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट वारीन्द्र तिवारी की अदालत ने आरोपी रामदास साकेत को 420और 409 आईपीसी की धारा के तहत दोषी पाते हुए 7 साल और 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आईपीसी की धारा 420 के तहत 25 हजार रुपये और धारा 409 के तहत 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ था आरोपी

आरोपी रामदास साकेत सिंगरौली जिले के बैढन ब्लॉक में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ था. इस दौरान रामदास पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगा, जिसके बाद विभाग की ओर से कार्रवाई भी की गई थी. वहीं रामदास साकेत 2015 में शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल रजमिलान में प्राचार्य के पद पर था, तब उसने स्कूल के सरकारी खजाने की राशि में सेंध लगा दिया था. 3 माह के दौरान आरोपी रामदास साकेत ने स्कूल के खजाने से 4,94,300 रुपये आहरित कर घोटाले को अंजाम दिया था. हालांकि मामला उजागर होने के बाद विभागीय जांच कराई गई.

9 साल बाद आया फैसला

जांच में आरोप सही साबित होने के बाद रामदास साकेत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया, लेकिन कुछ दिन बाद ये हाई कोर्ट से जमानत ले लिया. 9 साल तक रामदास साकेत के खिलाफ जिला न्यायालय में मुक़दमा चला. वहीं अब इस मामले में फैसला आया और आरोपी रामदास साकेत को 7 साल की सजा सुनाई गई. फिलहाल आरोपी रामदास साकेत जेल भेज दिया गया है.

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