
Madhya Pradesh News: सरकार लाख कोशिश करे लेकिन रिश्वतखोर अफसर बाज नहीं आते. कुछ ऐसा ही हुआ है बड़वानी जिले (Barwani district) के सेंधवा में. यहां के जनपद पंचायत के CEO रविकांत उईके (Ravikant Uike)को 5 लाख रुपये का रिश्वत लेते इंदौर के लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.हद ये है कि 6 लाख 50 हजार रुपये के निर्माण कार्य के लिए CEO साहब 5 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे. जब पीड़ित ने इस पर ऐतराज जताया तो CEO ने उसे धमकी भी दी. मजबूरी में पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त की. जिसके बाद लोकायुक्त DSP प्रवीण सिंह बघेल जाल बिछाकर रिश्वतखोर पंचायत सीईओ (Panchayat CEO) को रंगे हाथ पकड़ लिया.

लोकायुक्त पुलिस ने जनपद पंचायत सेंधवा के CEO को रंगे हाथ पकड़ा है.
दरअसल मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्राम जुलवानिया में स्थित स्कूल में बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए सरकार से पैसा स्वीकृत हुआ था। निर्माण के बाद जनपद पंचायत के सीईओ पश्चात रविकांत उईके इंस्पेक्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान उनको जांच में पता चला कि बाउंड्री का निर्माण स्वीकृत राशि के अनुसार नहीं हुआ है.भ्रष्टाचार का खुलासा होने पर सीईओ रविकांत उइके ने सहायक सचिव सुनील ब्राह्मणे को मनरेगा एक्ट की धारा 92 के तहत पुलिस पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने की धमकी दी. इसके साथ रविकांत ने कहा कि अगर इससे बचना है तो फिर 5 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर देना होगा. जिसके बाद ही सुनील ब्राह्मणे ने मामले की शिकायत लोकायुक्त में कर दी. बाद में योजना के मुताबिक ब्राह्मणे नोटों से भरा बैग लेकर रविकांत के पास पहुंचा. जिसके बाद रविकांत ने अकाउंट ऑफिसर राकेश पवार को उक्त राशि से भरा बैग अपनी कार की डिक्की में रखने को कहा. राकेश पवार ने जैसे ही बैग को कार की डिक्की में रखा वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा और रविकांत के साथ-साथ राकेश पवार को भी गिरफ्तार कर लिया. लोकायुक्त के मुताबिक रविकांत बीते 10 सालों से सरकारी नौकरी में है.