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This Article is From Dec 01, 2023

दिसंबर की छुट्टियों में घूमने का कर रहे हैं प्लान, तो लिस्ट में जोड़ लें बांधवगढ़ अभ्यारण का नाम

बंगाल टाइगरों की जनसंख्या घनत्व के मामले में बांधवगढ़ का स्थान दुनिया में पहला है. इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में चीता और हिरण पाए जाते हैं.

दिसंबर की छुट्टियों में घूमने का कर रहे हैं प्लान, तो लिस्ट में जोड़ लें बांधवगढ़ अभ्यारण का नाम
बांधवगढ़ अभ्यारण्य सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है.

Bandhavgarh: मध्यप्रदेश का सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक बांधवगढ़ अभ्यारण (Bandhavgarh Sanctuary) पर्यटकों का पसंदीदा स्थान बना हुआ है. 437 वर्ग किलोमीटर के दायरे में में फैले इस अभ्यारण को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ अभ्यारण बाघों के लिए प्रसिद्ध हैं. आइए जानते हैं क्या कुछ खास है बांधवगढ़ के उद्यान में.

4 भागों में बांटती है पहाड़ी
बंगाल टाइगरों की जनसंख्या घनत्व के मामले में बांधवगढ़ का स्थान दुनिया में पहला है. इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में चीता और हिरण पाए जाते हैं. जो अब अभ्यारण के बीचों-बीच बांधवगढ़ पहाड़ी है और जो इस अभ्यारण को वस्तुतः 4 भागों में विभाजित करते हैं. बांधवगढ़ में बांस के पेड़ से बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. चरणगंगा यहाँ की प्रमुख नदियों में से एक है जो अभ्यारण से होकर गुजरती है.

1951 में पकड़ा था पहला बाघ
इस क्षेत्र में पहला बाघ महाराज मार्तंड सिंह ने 1951 में पकड़ा था. मोहन नाम के इस सफ़ेद बाघ को अब महाराजा ऑफ रीवा के महल में सजाया गया है. राष्ट्रीय उद्यान बनाए जाने से पहले बांधवगढ़ के आसपास के जंगल को महाराजाओं और उनके मेहमानों के शिकारगाह के रूप में कायम रखा गया था.

ऐसे बना चार्जर प्वाइंट
यहां की एक बाघिन सीता के नाम सबसे ज़्यादा बार फोटो खींची जाने वाली बाघिन का रिकॉर्ड भी है. वहीं चार्जर नाम एक नर बाघ ने गाड़ियों को समीप जाकर हरकत की. जिसकी वजह से नब्बे के दौर में बहुत प्रसिद्धि मिली. सीता को शिकारियों ने मार डाला जबकि चार्जर बूढ़ा होकर 2000 में मरा उसके शव को जहाँ दफनाया गया, उस जगह को आज चार्जर प्वाइंट के नाम से जाना जाता है.

250 प्रजातियों के पक्षी हैं मौजूद
बांधवगढ़ अभ्यारण में बाघ के अलावा चीतल, साम्भर, हिरण, जंगली कुत्ते, जंगली सुअर, लंगूर और बंदर यहाँ बड़ी मात्रा में देखने को मिलते हैं. इतना ही नहीं यहाँ सांपों की भी भरमार है. यहां किंग कोबरा, क्रेट, वाइपर जैसे साँप मौजूद है. यहाँ पक्षियों की लगभग ढाई सौ प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनमें तोता, बगुला, कौआ, हॉर्नबिल, उल्लू, बटेर इत्यादि शामिल है.

सफारी का लीजिए मजा
बांधवगढ़ अभ्यारण में सैलानियों के लिए 140 से अधिक जिप्सियां उपलब्ध है. जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. 


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