All Souls Day 2024: पूरे देश में ईसाई धर्म के लोगों ने ऑल सोल्स डे मनाया. इस मौके पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में भी ईसाई समुदाय (Christian Society) ने 2 नवंबर को ऑल सोल्स डे मनाया, जिसे पितृ दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन का उद्देश्य अपने पुरखों और दिवंगत प्रियजनों को याद कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करना है. यह पर्व ईसाई धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे ऑल सेंट्स डे (1 नवंबर) के ठीक अगले दिन मनाया जाता है.
ऐसे करते हैं अपने परिजनों को याद
ऑल सोल्स डे पर ईसाई धर्म के लोग चर्च में जमा होकर खास प्रार्थनाएं करते हैं और अपने पुरखों की आत्मा की शांति के लिए मोमबत्तियां जलाते हैं. इसके अलावा, वे कब्रिस्तान में जाकर अपने दिवंगत प्रियजनों की कब्रों पर फूल अर्पित करते हैं और मोमबत्तियां जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. यह समय उनके लिए न केवल अपनी धार्मिक आस्थाओं को मान्यता देने का होता है, बल्कि यह उनके पूर्वजों के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने का भी विशेष अवसर होता है.
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इसलिए मनाया जाता है ऑल सोल्स डे
ईसाई धर्म में इस पर्व की शुरूआत पवित्र आत्माओं और शहीदों की याद में किया गया था. लेकिन, बाद में इसे सभी दिवंगत आत्माओं के लिए समर्पित कर दिया गया. ऑल सोल्स डे ईसाई धर्म का एक विशेष पर्व है, जो समुदाय को आध्यात्मिक रूप से अपने पूर्वजों से जोड़ता है और उन्हें अपने इतिहास तथा जड़ों की याद दिलाता है.
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