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This Article is From Feb 23, 2024

एडवोकेट बीसी जैन बिना फीस के लड़ चुके हैं गायों से जुड़े 2700 से ज्यादा मुकदमें, उनके प्रयासों से ही बना गौवंश अधिनियम

एडवोकेट बी जैन के प्रयासों के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने गौवंश अधिनियम बनाया, जिसमें सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं, सागर की परकोटा में रहने वाले 75 साल के सीनियर एडवोकेट बीसी जैन 2002 से लगातार गौ संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, उनकी गौ सेवा और संरक्षण कुछ अलग ही है.

एडवोकेट बीसी जैन बिना फीस के लड़ चुके हैं गायों से जुड़े 2700 से ज्यादा मुकदमें, उनके प्रयासों से ही बना गौवंश अधिनियम
एक ऐसा गौसेवक भी

Madhya Pradesh News: गाय को सनातन धर्म में मां का दर्जा दिया जाता है. गाय के सेवा करना हिंदू धर्म में बड़ा पुण्य का काम माना जाता है, लेकिन सागर (Sagar) के एक व्यक्ति ने गायों के लिए ऐसा किया जो सबसे अनोखा और प्रेरणादायक है. सागर के एक एडवोकेट ने संकल्प लेकर अपना पूरा जीवन गायों के प्राणों को बचाने में लगा दिया. इन्हें लोग गायों की जान बचाने वाले एडवोकेट के नाम में जानते हैं. सागर के परकोटा के रहने वाले एडवोकेट बीसी जैन ने अपना पूरा जीवन और वकालत गायों के प्राण बचाने में समर्पित कर दी.

22 साल से लगातार लड़ रहे हैं मुकदमें 

सागर के परकोटा निवासी एडवोकेट बीसी जैन गायों से जुड़े मुकदमें निशुल्क लड़ते हैं, उन्होंने 2700 से ज्यादा मुकदमें लड़े जिनमें सभी मुकदमों में उन्हें सफलता मिली. 74 साल की उम्र में भी बीसी जैन गायों से जुड़े मुकदमें लड़ रहे हैं, हालांकि एडवोकेट बी जैन को इस काम करने में बार- बार कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जैसे की गौवंश और गौ परिवहन में लिप्त लोगों ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की. उन्हें डारने के लिए उनके घर तक भी पहुंच गए, लेकिन उन्होंने इस काम को नहीं छोड़ा.

मध्य प्रदेश सरकार ने गौवंश अधिनियम बनाया

एडवोकेट बी जैन के प्रयासों के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने गौवंश अधिनियम बनाया, जिसमें सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं, सागर की परकोटा में रहने वाले 75 साल के सीनियर एडवोकेट बीसी जैन 2002 से लगातार गौ संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, उनकी गौ सेवा और संरक्षण कुछ अलग ही है. उन्होंने संकल्प लिया था कि वह अपने जीवन में गायों की प्राण बचाने और उनकी रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और वह भी पूरी तरह निशुल्क. एडवोकेट बीसी जैन बताते हैं कि उनकी एक बार मुलाकात आचार्य श्री विद्यासागर से हुई थी, उन्होंने जब पता चला कि मैं एडवोकेट हूं तो उन्होंने कहा कि गायों को बचाने के लिए अपनी वकालत के जरिए कुछ काम करिए ,उनकी प्रेरणा के बाद संकल्प लिया और कहा कि जब तक मेरे शरीर में प्राण रहेंगे तब तक वह गायों के प्राण बचाने के लिए निशुल्क केस लड़ेंगे.

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कई बार गायों के प्राण बचाने के लिए संघर्ष किया

एडवोकेट बीसी जैन बताते हैं कि आचार्य मुनि विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा के बाद उन्होंने गौ सेवा की संकल्प को पूरा करने में जुट गए और उन्होंने कई बार गायों के प्राण बचाने के लिए संघर्ष किया और गौवध के लिए जाने वाले तस्करों के रूट के बारे में भी जानकारी की, एडवोकेट जैन को इस काम के लिए गौसेवा से संबंधित मुकदमें लड़ने के लिए कई सम्मानों से सम्मानित भी किया गया है. गौवंश को बचाने के लिए आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने उन्हें 2006 में दयोदय रत्न की उपाधि दी थी, इसके अलावा 2023 में सागर गौरव दिवस पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सागर रत्न का सम्मान दिया. वो गौ अधिनियम बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को लगातार पत्राचार करते रहे इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने गौवध अधिनियम पर 50 हज़ार का जुर्माना और 7 साल की सजा का प्रावधान किया है ,वह अपने इस काम से बहुत खुश है और कहते हैं कि जब तक उनके प्राण रहेंगे वह गौ सेवा के लिए लड़ते रहेंगे.

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