Madhya Pradesh News: जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी को भोपाल की MP–MLA कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट पर अंतरिम राहत मिलने का मामला अब फैसले की प्रतीक्षा में है. बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर मुख्य पीठ में न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष इस संबंध में सुनवाई पूरी हुई, जिसके बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया.
अभिषेक बनर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे और एम. अग्रवाल ने पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि अभिषेक बनर्जी वर्तमान में लोकसभा सांसद हैं, अतः उनके फरार होने की कोई संभावना नहीं है. इसके बावजूद, जब उन्होंने MP-MLA कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दिए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया, तो निचली अदालत ने उस पर विचार किए बिना ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया.
वकीलों ने तर्क दिया कि जिस मानहानि प्रकरण में यह वारंट जारी हुआ है, वह अनुचित और तथ्यों के विपरीत है. उनका कहना था कि अभिषेक बनर्जी के बयान को तोड़-मरोड़ कर मीडिया में प्रस्तुत किया गया, जिससे उसकी असली मंशा विकृत हो गई. इसलिए, अधीनस्थ अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट पर अस्थायी रोक लगाई जाए.
दरअसल, मामला भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय द्वारा दायर मानहानि मुकदमे से जुड़ा है. नवंबर 2020 में कोलकाता में आयोजित एक जनसभा में अभिषेक बनर्जी ने आकाश विजयवर्गीय को “गुंडा” कहकर संबोधित किया था. इस बयान को लेकर आकाश ने वर्ष 2021 में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
एक मई 2021 से यह मामला भोपाल की MP–MLA कोर्ट में विचाराधीन है. अभिषेक बनर्जी अब तक पेशी में हाजिर नहीं हुए, जिस पर अदालत ने 11 अगस्त और 26 अगस्त 2025 की तारीखों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इसी वारंट को चुनौती देते हुए अभिषेक बनर्जी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की और इसके साथ ही अंतरिम राहत की मांग की थी, जिस पर अब हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया है.
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