
Indore News Today: 11 साल का नाबालिक घर पर बिना बताए अकेला ही दिल्ली (Delhi) घूमने के लिए ऑटो में बैठा था, लेकिन इंदौर पुलिस (Indore Police) की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों से प्रेरित होकर एक सजग ऑटो चालक नाबालिक बालक को पुलिस के पास पहुंचा दिया. इसके बाद थाना छोटी ग्वालटोली (Chhoti Gwaltoli Police Stattion:) में तैनात पुलिस ने संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करते हुए बालक को सकुशल उसके परिजनों के पास पहुंचाया दिया.
इंदौर के थाना छोटी ग्वालटोली पर शनिवार को एक ऑटो चालक पंकज मंडलोई ने सूचना दी कि एक बालक अकेला दिल्ली जाने के लिए मेरे ऑटो में बैठा है. मुझे संदेह हुआ, इसलिए थाने लाया हूं. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उक्त बालक को संरक्षण में लेकर पूरी संवेदनशीलता और प्यार से उससे बातचीत की. उसके बारे में पूछताछ करने पर बालक ने अपना नाम अरविन्द उम्र 11 साल बताया. उसने बताया कि वह इंदौर का रहने वाला है. इसके बाद उसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई. फिर छोटी ग्वालटोली थाने के थाना प्रभारी ने अधीनस्थ स्टाफ को बालक के माता-पिता की तलाश में तत्काल रवाना किया. हालांकि, बालक के घर पर किसी के नहीं मिलने पर तत्काल बालक के स्कूल से उसके पिता का फोन नंबर लेकर उसके संबंध में जानकारी देकर थाना बुलाया गया. बालक के पिता ने अपने बेटे को थाने में देखकर अवाक रह गए. उन्होंने बताया कि हम दोनो पति-पत्नी वर्किंग हैं. यदि ये अकेला हमें बिना बताए दिल्ली चला जाता, तो पता नहीं इसके साथ क्या होता. मैं तो सोच कर ही भयभीत हो गया हूं.
पुलिस ने बच्चे को किया पिता के हवाले
बालक की पूरी कहानी सुनने के बाद पुलिस अधिकारियों ने उसके पिता के साथ उसकी काउंसलिंग की. उसे उचित समझाइश देते हुए कहा कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए. अभी आप छोटे हो, और तुम्हें कहीं घूमने जाना है, तो अपने माता-पिता के साथ जाओ. इस प्रकार उसे उचित समझाइश देते हुए, पिता के सुपुर्द कर दिया गया.
पुलिस वालों ने ऑटो चालक को कहा धन्यवाद
वहीं, ऑटो चालक पंकज मंडलोई की सूझबूझ पर पुलिस अधिकारियों ने उनकी प्रशंसा करते हुए उसकी ओर से किए गए काम की सराहना कर उसे धन्यवाद भी दिया. बालक के पिता ने भी पुलिस थाना छोटी ग्वालटोली की टीम और ऑटो चालक को धन्यवाद देकर अपने बालक का ध्यान रखने का आश्वासन दिया. गौरतलब है कि बालक की सुरक्षित घर वापसी में थाना प्रभारी छोटी ग्वालटोली उमेश यादव, उनि सुशीला वर्मा, आरक्षक उमेश रावत और ऑटो चालक पंकज मंडलोई का सराहनीय योगदान रहा.