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This Article is From Sep 16, 2023

इंदौर : जयरामपुर में इस बार दिखेंगे भगवान गणेश के 108 स्वरूप, बस्तियों में बांटा जाएगा प्रसाद

इंदौर के जयरामपुर कॉलोनी में सार्वजनिक महोत्सव समिति द्वारा हर साल विशेष थीम पर आधारित गणेश महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस समिति ने शहर में कई बार सर्वश्रेष्ठ आयोजन कर प्रथम पुरस्कार जीता है.

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इंदौर : जयरामपुर में इस बार दिखेंगे भगवान गणेश के 108 स्वरूप, बस्तियों में बांटा जाएगा प्रसाद
जयरामपुर कॉलोनी में आयोजित इस गणेशोत्सव में 11 फीट ऊंची और 30 फीट चौड़ी मूर्ति में 108 गणेशजी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन होंगे.
इंदौर:

देश में गणेशोत्सव का आयोजन 19 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. ऐसे में इंदौर का सबसे प्रतिष्ठित गणेशोत्सव आयोजन भी हर साल की तरह एक बार फिर धूमधाम से आयोजित होगा. सार्वजनिक महोत्सव समिति की ओर से इंदौर के जयरामपुर कॉलोनी में किया जाने वाला यह आयोजन एक बार फिर चर्चा में है. समिति ने इस बार एक साथ 108 अलग-अलग रूपों में गणेश प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है. आयोजन का 40वां वर्ष होने के चलते यहां 40 तरह के मौसमी फलों का भोग लगाकर जरूरतमंद बस्तियों में वितरित किया जाएगा. इस दौरान हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. रोज रात 9 बजे संगीतमय आरती और प्रसाद वितरण और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, समारोह स्थल को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है. यह आयोजन 19 से 28 सितंबर के बीच होगा. आयोजन समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं से इस उत्सव को सफल बनाने की अपील की है.

2021 में उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के तर्ज पर गणेशजी को विराजित किया गया था.

2021 में उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के तर्ज पर गणेशजी को विराजित किया गया था.

भगवान गणेश के 108 स्वरूपों के होंगे दर्शन

जयरामपुर कॉलोनी में आयोजित इस गणेशोत्सव में 11 फीट ऊंची और 30 फीट चौड़ी मूर्ति में 108 गणेशजी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन होंगे. श्री गणेश अष्टोत्तर नामावली में भगवान गणेश को 108 नामों से पुकारा गया है, जिसके कारण सार्वजनिक महोत्सव समिति ने इस बार 108 मूर्तियों को स्थापित करने का निर्णय लिया. यह गणेश प्रतिमा 19 फीट ऊंचे शिवलिंग में विराजित होगी, जिसमें गणेशजी के साथ 10 फीट ऊंचे नंदी और त्रिशूल के भी दर्शन होगें. इंदौर शहर के प्रमुख पंडालों में से एक जयरामपुर कॉलोनी में विराजित होने वाले 10 दिवसीय गणेशोत्सव में भगवान गणेश को 56 भोग लगाए जाएंगे. इस दौरान महाआरती और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.

सामाजिक सरोकार कार्यक्रम होंगे आयोजित

खास बात यह है कि इस कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक महोत्सव समिति की ओर से भक्तों को सामाजिक सरोकार से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसमें भक्तों को सेवा कार्य करने, अन्नदान करने, फलों का वितरण, ब्लड डोनेशन आदि शामिल हैं. समिति के सदस्यों द्वारा जरूरतमंद को राशन-फूड पैकेट और फल वाटिका सजाकर मौसमी फलों का वितरण अलग-अलग बस्तियों में किया जाएगा. इसके अलावा जरूरतमंद छात्रों को पढ़ाई में मदद की जाएगी. इसको लेकर पंडाल आयोजकों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. 

पिछले साल गणेशोत्सव में आजादी के अमृत महोत्सव के तर्ज पर थीम रखी गई थी.

पिछले साल गणेशोत्सव में आजादी के अमृत महोत्सव के तर्ज पर थीम रखी गई थी.

हर साल अलग-अलग थीम पर होता है आयोजन

सार्वजनिक महोत्सव समिति द्वारा गणेशोत्सव का आयोजन हर साल अलग-अलग थीम के अनुसार किया जाता है. पिछले साल समिति ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने की थीम पर आयोजन किया था, जबकि वर्ष 2021 में उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के तर्ज पर गणेशजी की स्थापना की गई थी. इससे पहले 2015 के आयोजन में विश्व प्रसिद्ध मुंबई के लालबाग का राजा के रूप में, 2014 में पंढरपुर श्री रुक्मिणी विट्ठल रूप में संत तुकोबा गणेशजी, 2013 में शिक्षाविद शैली में गणेशजी, 2012 में मिनाक्षी देवी मदुरई के रूप में गणेशजी, 2011 में वीर शिवाजी महाराज रूप में गणेशजी, 2010 में पंचमुखी गणेशजी, 2009 में राजा रूप में गणेशजी, 2008 में विष्णुजी के 10 अवतार रूप में गणेशजी, 2007 में शिर्डी के साईबाबा रूप में गणेशजी, 2006 में एक साथ 51 गणेशजी, 2005 मे मुंबई स्टाइल में बड़े गणेशजी और 2003 में मुंबई के प्रसिद्ध अष्टविनायक गणेशजी के रूप में स्थापित किया गया था.

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पिछले 40 वर्षों से हो रहा है आयोजन 

सार्वजनिक महोत्सव समिति, जयरामपुर कॉलोनी में इस बार 40वें वर्ष गणेशोत्सव का आयोजन किया जाएगा. समिति के सचिव अनिल आगा ने बताया कि 40 साल पहले इस कार्यक्रम की शुरुआत बालगंगाधर तिलक द्वारा प्रारंभ गणेश उत्सव के सिद्धांत को पुनः प्रचारित करने और तेजी से विलुप्त होती जा रही हमारी भारतीय सांस्कृतिक धार्मिक ऐकता को बनाए रखने के उद्देश्य से की गई थी. उन्होंने बताया कि 40 साल पहले एक ठेले के ऊपर स्टूल रखकर भगवान गणेश को विराजित कर इस महोत्सव की शुरुआत की गई थी. आज यह इंदौर शहर का सबसे बड़ा आयोजन बन गया है. इस महोत्सव को देखने के लिए काफी भीड़ एकत्रित होती है.

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आयोजन ने जीते हैं कई बार पुरस्कार

सार्वजनिक महोत्सव समिति के गणेशोत्सव कार्यक्रम ने इंदौर में कई बार प्रथम पुरस्कार हासिल किया है. 2013 में समिति ने शिक्षाविद शैली में गणेशजी की स्थापना की थी, जिसमें डेली कॉलेज इंदौर और राज्य सरकार के 'स्कूल चले हम' अभियान को दिखाया गया था. इसमें मूषक गणेशजी के छात्र बने हुए थे. इस थीम ने पूरे इंदौर में प्रथम पुरस्कार जीता था. 2012 में समिति ने दक्षिण भारतीय स्टाइल में गणेशजी को विराजित किया था, जिसमें मिनाक्षी देवी मदुरई के रूप में गणेशजी को श्याम वर्ण में दिखाया गया था. इस साल भी इस समिति को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2011 में इन्होंने वीर शिवाजी महाराज रूप में गणेशजी को स्थापित किया, जिसमें महाराष्ट्र के सिंहगढ़ के किले की थीम रखी गई. राष्ट्रीय थीम होने के चलते इसे इंदौर में प्रथम पुरस्कार विजेता घोषित किया गया.

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