Action Against Health Workers: राजधानी भोपाल में प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने वाले 10 स्वास्थ्य कर्मचारियों में से 5 स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि एक निलंबित, दो की वेतन वृद्धि पर रोक और एक स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुसंशा की गई. वहीं एक को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी भोपाल से सेट बैरसिया में इलाज में लापरवाही के कारण गर्भवती और शिशु की मौत हो गई थी. दरअसल, बैरसिया के सोहाया उप स्वास्थ्य केंद्र में तैनात स्वास्थकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता का प्रसव करने के बजाय भोपाल रेफर कर दिया गया, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई.
प्रसव पीड़ा की वजह से भोपाल जाते समय गर्भवती ने दम तोड़ दिया
प्रसव पीड़ा जूझ रही पीड़िता के इलाज में लापरवाही करने वाले 5 स्वास्थ्यकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने सेट बैरसिया स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र में प्रसव पीड़ा के दौरान लाई गई पीड़िता का प्रसव करवाने के बजाय लापरवाही बरती, जिससे गंभीर अवस्था में भोपाल रेफर की गई जच्चा और बच्चा दोनों रास्ते में दम तोड़ दिया.
प्रसव में लापरवाही करने के लिए 5 स्वास्थ्यकर्मी नौकरी हुए बर्खास्त
रिपोर्ट के मुताबिक प्रसव पीड़ा से जूझ रहे पीड़िता के प्रसव में लापरवाही बरतने वाले 5 मुख्य आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. बर्खास्त होने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में क्रमश कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर ज्योति दाते, एएनएम अनीता सेन, एएनएम तबस्सुम अख़्तर, आशा सहयोगी संगीता शर्मा और आशा कार्यकर्ता सीमा सैनी शामिल हैं.
निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार पीड़िता का इलाज नहीं किया गया
मामले की प्राथमिक जांच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने की. जांच में पाया गया कि स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रसव प्रकरण को स्वास्थ्य विभाग के निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं देखा. विकासखंड एवं जिला स्तर पर उत्तरदायी अधिकारियों ने भी अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया.
जांच रिपोर्ट के आधार पर CMHO ने सभी को नोटिस जारी किया
प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ ने सभी को नोटिस जारी किया था. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण आशा कार्यकर्ता, आशा पर्यवेक्षक, एएनएम, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की सेवा समाप्त की गई है.वहीं, क्षेत्रीय सुपरवाइजर को निलंबित किया गया है, जबकि साथ ही जिला स्वास्थ्य अधिकारी व प्रभारी मातृ स्वास्थ्य को कर्तव्यों को गंभीरता से न निभाने के कारण चेतावनी दी गई है.
प्रभारी विकासखंड कम्युनिटी मोबइलाइजर की वेतन वृद्धि रोका
विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक एवं प्रभारी विकासखंड कम्युनिटी मोबइलाइजर की वेतन वृद्धि रोककर पारिश्रमिक अर्थदंड लगाया गया है. वहीं, प्रकरण में मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी बैरसिया को मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील नियम 1996 के प्रावधानों के तहत विभागीय जांच संस्थित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा गया है.
ये भी पढ़ें-आपका बिजली का बिल हो जाएगा आधा...जबलपुर के जालसाजों ने खोल दिया फर्जी बिजली ऑफिस