World Mental Health Day 2023 : आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई डिप्रेशन (Depression) और मानसिक तनाव (Mental Stress) जैसी मानसिक बीमारियों (Mental Disease) से जूझ रहा है. बच्चे भी लगातार तनाव और डिप्रेशन से गुजर रहे हैं. ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि बच्चों की मेंटल हेल्थ (Mental Health) को कैसे बेहतर बनाया जाए और उन्हें एक खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाए. आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि बच्चों को कैसे डिप्रेशन और चिंता जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों से बचाकर रखा जाए?
आज अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने में तो जोर दे रहे हैं लेकिन वह यह भूल रहे हैं कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ-साथ मानसिक रूप से स्वस्थ रहना भी बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि कैसे बच्चे को मानसिक बीमारी से ग्रसित होने से बचाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
लाइफस्टाइल में करें सुधार
आजकल की बच्चे इतने डिजिटल हो गए हैं कि वह मोबाइल और इंटरनेट के बिना 1 मिनट भी नहीं रह पाते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों को ज्यादा समय तक के लिए मोबाइल ना दें. बच्चों को खुली हवा में एक्टिविटी करने और खेलने के लिए भी भेजें. पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि बच्चा सिर्फ मोबाइल फोन और टीवी में लगा रहता है तो बच्चों की लाइफस्टाइल को तुरंत बदल दें.
समय-समय पर बातचीत करते रहे
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मां और पिता दोनों नौकरी या अपने व्यवसाय में व्यस्त रहते हैं और बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. अपनी व्यस्तता भरी जिंदगी से समय निकालकर बच्चों के साथ बातचीत करें, उनके डेली रूटीन से लेकर पढ़ाई से भी संबंधत परेशानियों को सुने और उनका हल निकाले. कई बार मां-बाप बच्चों की बात नहीं सुनते हैं, जिससे बच्चों के मन में अलगाव पैदा होता है जो कई प्रकार की मानसिक बीमारियों को जन्म देता है.
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं
यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा मेंटली हेल्दी रहे तो इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चों को समय-समय पर मोटिवेट (Motivate) करते रहें. यदि आपका बच्चा किसी चीज में सफल नहीं हो पा रहा है तो उस पर चिल्लाने की बजाय समझाएं और उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें.
बच्चों के व्यवहार पर ध्यान दें
अपने बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें, यदि आपके बच्चे में कोई भी बदलाव नजर आ रहा है तो तुरंत उससे प्यार से बात करें और उसकी बातों को समझे. कई बार बच्चे अपने मन की व्यथा किसी से नहीं बताते हैं और फिर बच्चों में तरह-तरह की गंभीर मानसिक बीमारियां जन्म ले लेती हैं.