हड्डियों में दर्द रहता है और कोल्ड जल्दी हो जाता है तो यह सफेद रंग का फूल इस तरह लें, सारी परेशानी हो जाएगी दूर

Benefits of Parijat Flowers : परिजात यानी हरसिंगार के पौधे का फूल काफी फायदेमंद है. इसमें मिलने वाले औषधीय गुणों के कारण यह कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है.

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Parijat Flowers : इस फूल के इस्तेमाल से जोड़ों के दर्द में मिलेगी राहत.

Benefits of Parijat Flowers : पारिजात का फूल एक औषधीय फूल है जो भारत, नेपाल, बांग्लादेश, थाइलैंड, और इंडोनेशिया के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम ("Nyctanthes arbor-tristis") है. कई जगहों पर इसे हरसिंगार (Harsingar) भी कहा जाता है. इसके फूल दिखने में तो सुंदर लगते ही हैं और सुगंध भी देते हैं. साथ ही इसकी पत्तियां भी बहुत फायदेमंद होती हैं. इसके फूल, पत्तियां और इससे बनने वाले तेल का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों में किया जाता है. यह किसी आर्युवेदिक दवाई (Ayurvedic Medicine) की तरह काम करता है.

इन बीमारियों से मिलेगी राहत (Get rid of these diseases)

1. सर्दी और जुकाम में कारगर 

परिजात के फूल को डालकर बनाई गई चाय या काढ़ा सर्दी और जुकाम से राहत पाने के लिए  बहुत उपयोगी होती है. इसमें मौजूद विटामिन-सी (Vitamin C) और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidant) इम्यून सिस्टम को मजबूती देने में मदद कर सकते हैं.

2. बेहतर पाचन

इस फूल में मिलने वाले विभिन्न पोषण तत्व पाचन प्रक्रिया (Digestion Process) को सुधारने में मदद करते हैं.परिजात के फूल के पत्तों को खाने से अपच की समस्या जड़ से खत्म हो सकती है.

3. गठिया और अर्थराइटिस से राहत में असरदार

जोड़ों के दर्द से राहत के लिए पारिजात के फूल से बना तेल काफी असरदार है. इससे जोड़ों में आया सूजन भी कम हो सकता है. परिजात के फूल का तेल गठिया और अर्थराइटिस (Artharaitis) जैसे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है. 

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4. कम करता है तनाव

इस फूल से निकलने वाला सुगंध मानसिक तनाव को कम करने की भी क्षमता रखता है. साथ ही यह इनर पीस (Inner Peace) पाने में भी मदद करता है. इसे अरोमाथेरपी भी कहा जाता है, जिसमें आयुर्वेदिक तरीके से सिर्फ इस फूल की खूशबू मात्र से आपका मन शांत हो जाता है. (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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