
Nautapa 2025: नौतपा (Nautapa) के दौरान सूर्यदेव अपने उग्र रूप में होते हैं, जिससे धरती पर गर्मी बढ़ जाती है, लेकिन यह समय आध्यात्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी खास है. सूर्य हड्डियों, हृदय, पिता, आत्मा, सरकार का कारक ग्रह है. नौतपा के दौरान पिता के चरण स्पर्श करने और उनकी सेवा करने से सूर्य देव खुश होते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो अगले 9 दिन तक तापमान चरम पर रहता है. ऐसे में आइए जानते हैं कब से कब तक इस बार नौतपा रहेगा और इस दौरान आपको क्या करना चाहिए क्या नहीं?
कब से कब तक है नौतपा? Nautapa 2025 Dates
इस साल 25 मई को सूर्य देव चन्द्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रातः 9 बजकर 32 मिनट पर प्रवेश करेंगे. जिससे नौतपा (तपन काल) प्रारम्भ हो जायेगा, जो अगले नौ दिनों तक चलेगा. वहीं सूर्य देव 8 जून तक 1 बजकर 4 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे. इसके बाद 8 जून को सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जायेंगे और फिर 15 जून को मिथुन राशि में.
नौतपा के दौरान पिता के चरण स्पर्श करने और उनकी सेवा करने से सूर्य देव खुश होते हैं. वहीं, आपने अगर अपने पिता का अपमान किया है और उनका तिरस्कार किया है, तो उनसे क्षमा याचना करनी चाहिए.
नौतपा में क्या करें क्या नहीं? What to Do and What Not to Do During Nautapa 2025
- विवाह जैसे मांगलिक कार्य या फिर यात्रा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
- नौतपा में आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना फायदेमंद माना जाता है.
- सूरज की तेज किरणों से बचने के लिए आप पानी खूब पिएं और दही, छाछ और लस्सी का भी सेवन करें.
- गुड़, घी, सोना, तांबा, गेहूं, लाल कपड़ा गरीबों को दान करने से सूर्यदेव खुश होते हैं.
- इसके अलावा नौतपा के दौरान अगर कोई आपके दरवाजे कुछ मांगने आए तो उसे खाली हाथ वापस न जानें दें. कुछ न कुछ अपने सामर्थ्य अनुसार जरूर दान करिए, इसका शुभ लाभ प्राप्त होता है.
- हाथ और पैर में मेहंदी लगाएं, क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने से तेज गर्मी से राहत मिलती है.
- रविवार का व्रत सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कर सकते हैं.
पीपल का पेड़ : पीपल को बेहद पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि इसमें भगवान विष्णु, ब्रह्मा और शिव का वास होता है. नौतपा में पीपल लगाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
शमी का पौधा : शमी को सूर्यदेव का प्रतीक माना जाता है. इसे लगाने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और जीवन की परेशानियां कम होती हैं.
तुलसी का पौधा : सनातन धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. इसे घर में लगाने और इसकी पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
आंवला का पेड़ : आंवला में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास माना जाता है. इसे लगाने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
इसके अलावा, नौतपा में नीम, बिल्वपत्र, केला, बरगद, अशोक, इमली और आम के पेड़ लगाने से भी पापों से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन की समस्याएं कम होती हैं. ये पौधे न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यावरण को भी शुद्ध रखते हैं.
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