Mahashivratri Rules: महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह (Shiv Parvati Vivah) का दिन माना जाता है. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से हर किसी के जीवन में खुशहाली आती है. यह त्योहार वैवाहिक बंधन में बंधे लोगों के लिए बेहद खास होता है. महाशिवरात्रि का त्योहार नजदीक है इस दिन का आध्यात्मिक महत्व भी है. गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों के लिए पंडित दुर्गेश ने कुछ नियम बताए हैं, जिसका पालन करना चाहिए और इन गलतियों को करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन पालन करने वाले उन नियमों (Mahashivratri Niyam) के बारे में.
दान करें
दान महाशिवरात्रि का एक अभिन्न पहलू है. ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने से कभी पीछे न हटें, भगवान शिव की कृपा दृष्टि पाने के लिए ईमानदारी से दान करें. इससे आपके वैवाहिक जीवन में खुशियां आएंगी.
पूजा अनुष्ठानों की उपेक्षा करें
महाशिवरात्रि के त्योहार पर सौहार्दपूर्ण वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सच्चे मन से पूजा पाठ करें, पूजा अनुष्ठानों की उपेक्षा भूलकर भी न करें.
सांसारिक चीजों के बारे में न सोचें
दैनिक जीवन की भाग-दौड़ में महाशिवरात्रि के पर्व को मनाने के लिए पहले से ही समय निकालें. इस बात का ख़ास ख्याल रखें जब आप भगवान शिव का ध्यान कर रहे हो तो उस समय किसी भी सांसारिक चीजों के बारे में न सोचें.
पवित्र मंत्रों का जाप करें
महाशिवरात्रि के दौरान कई पवित्र मंत्रों का जाप किया जाता है. ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि पवित्र मंत्रों की शक्ति को नजरअंदाज न करें. प्रत्येक मंत्र को भक्तिपूर्ण तरीके से जपें, इससे वैवाहिक जीवन दैवीय आशीर्वाद से समृद्ध हो जाता है.
जल्दबाजी में न करें पूजा
पूजा भक्ति करते समय जल्दबाजी में न रहें. पूजा में पूरी श्रद्धा दिखाएं, सच्चे भाव से माता पार्वती और शिव जी की पूजा करें. यदि पति-पत्नी साथ में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं तो इससे विशेष रूप से भोलेनाथ की कृपा उन पर बरसेगी.