World Earth Day 2024: पृथ्वी सिर्फ़ मनुष्यों की ही नहीं बल्कि करोड़ों जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के रहने का स्थान है या यूं कहें कि यह सबका घर है. लेकिन, मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पृथ्वी को लगातार नुकसान पहुंचाता जा रहा है. जिसके चलते प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल रही हैं. प्रकृति इस तरीके से अनबैलेंस हो गई है कि बाढ़, पॉल्यूशन, क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं.
इन्ही समस्याओं पर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए और पृथ्वी पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने के लिए 'वर्ल्ड अर्थ डे' (World earth day kyu manate hain) मनाया जाता है, ताकि लोगों को पृथ्वी और प्रकृति के महत्व के प्रति जागरूक किया जा सके. हर साल विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 2024 को मनाया जाता है और हर बार एक अलग थीम (World earth day theme 2024) रखी जाती है. इस साल पृथ्वी दिवस की थीम क्या है और इसे मनाने की शुरुआत (History of world earth day) कैसे हुई? आइए जानते हैं इसके बारे में.
वर्ल्ड अर्थ डे 2024 थीम
हर साल वर्ल्ड अर्थ डे एक नई और अलग थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. साल 2024 में इसकी थीम है-प्लैनेट वर्सेस प्लास्टिक (Planet vs Plastic). इस थीम का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करना और उसके ऑप्शंस की तलाश पर जोर देना है. वहीं साल 2023 की थीम थी, इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट (Invest in our planet).
वर्ल्ड अर्थ डे इतिहास
वर्ल्ड अर्थ डे मनाने का विचार पहली बार 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल ने दिया था. शुरू में इस दिन को मनाने का उद्देश्य पृथ्वी का सम्मान करना था और 22 अप्रैल 1970 को पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में पृथ्वी दिवस मनाया गया था. 1990 में डेनिस हेस ने विश्व स्तर पर इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा, इसमें 141 देशों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. साल 2016 में पृथ्वी दिवस को जलवायु संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया गया. वर्तमान में पृथ्वी दिवस नेटवर्क 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य
पृथ्वी दिवस पर लाखों लोग मिलकर प्रदूषण और पृथ्वी को खतरा पहुंचाने वाली चीज़ों, जैसे - वनों की कटाई लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे गंभीर पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए खड़े होते हैं. इस मौके पर दुनिया भर में तरह-तरह के कार्यक्रमों की मदद से लोगों को पर्यावरण को होने वाले खतरों के बारे में अवगत किया जाता है और पृथ्वी को बचाने के लिए किए प्रयासों के लिए जागरूक किया जाता है.