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Happy Bhai Dooj: होली के बाद क्यों मनाते हैं भाईदूज? जानिये पंडित जी से इस पर्व की पौराणिक कथा

दूज के दिन भाई अपनी बहन से मिलते है, तिलक लगाते हैं, यह शुभ होता हैं. इस दिन भाई को बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए, इससे भाई-बहन के रिश्ते में मधुरता आती है. इस पर्व को मनाने के पीछे पौराणिक कथा भी है जिसके बारे में पंडित दुर्गेश ने बताया है जो हम आपके साथ साझा करेंगे, आइए जानते हैं भाई दूज कर पर्व क्यों मनाया जाता है? 

Happy Bhai Dooj: होली के बाद क्यों मनाते हैं भाईदूज? जानिये पंडित जी से इस पर्व की पौराणिक कथा

Holi Bhai Dooj 2024: होली (Holi 2024) के बाद चैत्र का महीना शुरू हो जाता है, जिसे हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendrer) का पहला महीना माना जाता है. इस दौरान चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि के दिन होली भाई दूज (Bhai Dooj after holi) का त्योहार मनाते हैं. हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है. इस दिन बहनें व्रत रखकर अपने भाई को तिलक लगाती हैं और भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस दिन भाई को बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए, इससे भाई-बहन के रिश्ते में मधुरता आती है. भाई दूज का पर्व आज उत्साह के साथ मनाया जा रहा है, इस पर्व को मनाने के पीछे पौराणिक कथा भी है, जिसके बारे में पंडित दुर्गेश ने बताया है जो हम आपके साथ साझा करेंगे, आइए जानते हैं होली के बाद भाई दूज का पर्व क्यों मनाया जाता है?

यह है प्रचलित कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी, जिसका एक बेटा और एक बेटी थी. बुढ़िया की बेटी की शादी हो गई, एक बार होली के बाद बूढ़ी माँ के बेटे ने अपनी माँ से बहन के यहाँ जाकर तिलक लगाने का आग्रह किया तो माँ ने ख़ुशी-ख़ुशी बेटे को इजाज़त दे दी, बूढ़ी माँ का बेटा एक जंगल से गुजरा, वहां एक नदी मिली, नदी ने कहा मैं तेरी जान ले लूँगी यह सुनकर बुढ़िया का बेटा बोला- मैं अपनी बहन से तिलक लगवा लूं, आप फिर मेरे प्राण ले लेना और ये सुनकर नदी ने उसे जाने दिया लेकिन जब वह आगे बढ़ा तो वहां एक शेर मिला, शेर ने भी यही कहा और फिर वह यही जवाब देकर आगे बढ़ गया, फिर उसे साँप मिला तो साँप से भी उसने यही कहा.

इसके बाद बुढ़िया माँ और बेटा अपनी बहन के घर पहुँचे, उस समय उसकी बहन सूत काट रही थी होली भाई दूज के दिन बहन ने भाई का तिलक लगाया और उस समय भाई का मन दुखी था, बहन ने बुढ़िया से अपने भाई की समस्या का समाधान पूछा तब बुढ़िया ने कहा तेरे पिछले जन्मों का कर्म है, जो तेरे भाई को भुगतना पड़ रहा है, अगर तू अपने भाई को बचाना चाहती है तो उसकी शादी होने तक उसकी सहायता कर उसकी तरफ आने वाले हर संकट को दूर कर दे.

ये बात सुनकर बहन की मां आयी और अपने भाई से कहा- मैं तुम्हें घर छोड़ने साथ चलूँगी, इसके बाद दोनों आगे बढ़ते गए, रास्ते में शेर मिला तो बहन शेर के आगे मांस डाल देती है और फिर आगे जब सांप मिला तो उसके आगे दूध रख देती है, अंत में जब उन्हें नदी मिली जिस पर वह लड़की की ओढ़नी डालकर नमन कर लेती है और इस तरह बहन भाई को बचा लेती हैं, कहते हैं कि होली भाई दूज के दिन यदि बहन व्रत रखकर भाई की लंबी उम्र की कामना करती है.

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